चांडिल: शुक्रवार को चांडिल के पाटा टोल प्लाजा के आसपास के ग्रामीणों ने टोल प्लाजा पर महंत विद्यानंद सरस्वती का पुतला दहन कर जोरदार विरोध किया है. बस्ती वासियों का कहना है कि एक सन्यासी होकर भोले- भाले निरीह आदिवासी मूलवासियों के साथ मारपीट करना सही नहीं है. वहीं ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से दोषी दोषी महंत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है.
मौके पर संयुक्त ग्राम सभा मंच के संयोजक सुखलाल पहाड़िया, शहर बेड़ा के पारंपरिक प्रधान मानसिंह मार्डी, झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुदामा हेंब्रम आंदोलनकारी कपूर बागी, पूर्व मुखिया ज्योति महाली, विजय कुमार सोम हेंब्रम सहित 3- 4 गांव के महिला- पुरुष ग्रामीण मौजूद रहे.
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बता दें कि पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती गुरुवार की शाम बगैर नंबर प्लेट की लक्जरी गाड़ी से मंदिर की ओर लौट रहे थे. प्लाजा कर्मियों ने उनकी गाड़ी रोक दी. जिस पर महंत के चालक ने टोल कर्मी की पिटाई शुरू कर दी. इस बीच महंत ने अपने समर्थकों को भी फोन कर टोल प्लाजा पर बुला लिया. फिर क्या था देखते ही देखते महंत के समर्थक पाटा टोल प्लाजा पर जुट गए और टोल कर्मियों की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. इतना ही नहीं महंत के समर्थकों ने आने- जाने वाले लोगों के साथ भी बदसलूकी की. वहीं महंत के समर्थन में भाजपा और झामुमो नेता भी समर्थकों के साथ टोल प्लाजा पहुंच गए और जमकर उत्पात मचाया. महंत के समर्थकों का आक्रोश देख टोल प्लाजा कर्मी इधर- उधर जान बचाकर भागने लगे. आक्रोशित महंत के समर्थकों ने टोल प्लाजा में जमकर तोड़फोड़ की और भारी भरकम नुकसान पहुंचाया.
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मामले की सूचना मिलते ही इचागढ़ विधायक सविता महतो, चांडिल एसडीपीओ संजय कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और महंत से हठ छोड़ समर्थकों को समझाने की गुहार लगाई. उधर टोल प्लाजा कर्मियों के समर्थन में आसपास के आदिवासी मूलवासी ग्रामीण जुट गए. ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता देख महंत अपने समर्थकों के साथ वापस काली मंदिर लौट गए. हैरान करने वाली बात तो यह है कि सारे प्रमाण होने के बाद भी महंत या उनके समर्थकों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाई नहीं की गई. उल्टा टोल कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. इसको लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है.
बाईट-
कपूर बागी झारखंड आंदोलनकारी)