चांडिल: गुरुवार की शाम चांडिल थाना अंतर्गत NH- 33 पर पाटा में बने टोल प्लाजा के डाउन लेन पर उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई जब टॉल प्लाजा कर्मियों के साथ पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती के इशारे पर जमकर तांडव मचा.
इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी वीडियो फुटेज सामने आया है. वीडियो में महंत की मौजूदगी में भगवाधारी साधुओं ने निरीह टोल कर्मियों की बेहरहमी करते नजर आ रहे हैं अब सवाल यह उठता है कि आखिर निरीह टोल कर्मियों की क्या गलती थी ? वीडियो फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जानवरों की तरह टोल कर्मियों की पिटाई हो रही है, बावजूद इसके घटना के करीब 12 घंटे बीत चुके हैं अब तक एनएचएआई की तरफ से एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है. सूत्रों की अगर मानें तो पूरे मामले को मैनेज करने का खेल चल रहा है.
गुरुवार को करीब एक घंटे तक पाटा टोल प्लाजा पर महंत की मौजूदगी में समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान भगवा धारियों ने निरीह टोल कर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट करते हुए टोल प्लाजा के उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इतना ही नहीं महंत के समर्थकों ने टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे से जुड़े उपकरणों को भी तोड़ डाले. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टोल कर्मियों ने किसी तरह छिप- छिपाकर अपनी जान बचाई.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल महंत विद्यानंद सरस्वती अपनी बगैर नम्बर प्लेट की नयी ग्रैंड विटारा कार से डाउन वीवीआइपी लेन से पारडीह काली मंदिर की ओर जाना चाह रहे थे. ड्यूटी पर तैनात टोल कर्मी ने महंत की गाड़ी को रोक दिया, जिसपर महंत के चालक ने टोल कर्मी के साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया. इस बीच गाड़ी में बैठे महंत ने अपने शिष्यों को इसकी सूचना दे दी. देखते ही देखते पूरा टोल प्लाजा भगवामय हो गया. हर तरफ भगवाधारी तांडव मचाते नजर आने लगे. जिसके हाथ जो लग रहा था उसे क्षतिग्रस्त करने पर तुले थे. इंसान हो या उपकरण सभी को नुकसान पहुंचा रहे थे. ये सब बजावते महंत विद्यानंद सरस्वती की मौजूदगी में हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा, भारतीय जनता युवा मोर्चा सरायकेला के आकाश महतो भी अपने समर्थकों के साथ टोल प्लाजा पहुंचे और जमकर उत्पात मचाया
गिड़गिड़ाते रहे थानेदार नहीं, माने महंत
सूचना मिलते ही पहले चांडिल थाना प्रभारी अजित कुमार दलबल के साथ टोल प्लाजा पहुंचे और महंत विद्यानंद सरस्वती के आगे समर्थकों से हिंसा रोकने की गुहार लगाते रहे. मगर महंत एवं उनके समर्थको ने थानेदार की एक न सुनी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ संजय कुमार सिंह, विधायक सविता महतो, झामुमो केंद्रीय सदस्य क़ाबलू महतो, भी मौके पर पहुंचे और महंत से गुस्सा छोड़ हिंसा रोकने की विनती करते हुए मामले को शांत कराने में जुट गए. उधर आसपास के आदिवासी- मूलवासी ग्रामीणों ने भी भगवाधारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. दोनों ओर से विरोध के बाद अतिरिक्त पुलिस बलों को बुलाया गया. ग्रामीणों के गोलबंद होते ही भगवाधारी नरम पड़ने लगे. तब जाकर स्थिति पर नियंत्रण पाने में पुलिस सफल हुई. उसके बाद महंत पारडी काली मंदिर चले गए जहां उनके साथ चांडिल एसडीपीओ संजय कुमार सिंह विधायक सविता महतो केंद्रीय सदस्य बबलू महतो सहित महंत के सैकड़ों समर्थक पारडी काली मंदिर पहुंचे जहां महंत ने पुलिस को कॉल कर्मी द्वारा बदसलूकी किए जाने संबंधी लिखित शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद उक्त शिकायत के आलोक में पुलिस ने 1 साल कर्मी को हिरासत में ले लिया चांडिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल जांच कराया गया
क्या कहते हैं NHAI के अधिकारी
इधर इस मामले पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएचआई के स्थानीय प्रबंधक अनुराग चौहान ने गुरुवार को बताया था कि हंगामा करने वालों ने उपकरणों को नुकसान पहुंचाया है, इसलिए यहां कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. इसकी शिकायत एनएचआई से कर दी गई है. वहां से ऑनलाइन रिकॉर्ड मंगाया जा रहा है. उस आधार पर शिकायत दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकारी काम में बाधा पहुंचाया गया है. हमारे कर्मियों ने कोई गलती नहीं की थी, मगर बेवजह मामले को तूल दिया गया. हमलोग स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग एवं सम्मान करते हैं. महंत जी एवं उनके पसंदीदा नंबर 5060 नंबर की गाड़ी देखते ही हमारे कर्मी ससम्मान उन्हें जाने देते हैं. गुरुवार को गलतफहमी की वजह से उनकी गाड़ी को रोका गया. उन्होंने बताया कि उनकी नई गाड़ी में नंबर प्लेट नहीं लगी थी और हमारे कर्मी उनके चालक को या उन्हें पहचान नहीं सके. इसके चलते पहले महंत के चालक ने कर्मी की पिटाई कर दी. उसके बाद मामले को अलग रूप दे दिया गया. जिससे हमारे सारे कर्मी डरे सहमे हैं. और उन्होंने टोल में काम करने से मना कर दिया है. उन्होंने बताया कि यह विवाद आपसी वार्ता से भी सलट सकता था सकता था, मगर इस तरह से उपद्रव कराने से आसपास के ग्रामीण भी भड़के हुए हैं. उन्होंने भी पुलिस से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई थी. इधर घटना के 12 घंटे बाद भी एनएचएआई की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं कराने से साफ समझा जा सकता है कि पूरे मामले की लीपापोती कर दी गई है.
बड़े रसूख वाले बाबा हैं स्वामी विद्यानंद सरस्वती
बता दें कि पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती जूना अखाड़ा से ताल्लुक रखते हैं. उनकी पहुंच राजनीति से लेकर प्रशासनिक महकमे तक हैं. बड़े- बड़े नेता और अधिकारी उनके दरबार में हाजिरी लगाते हैं. वैसे यह पूरा मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है, मगर घटनास्थल पर स्थानीय झामुमो नेता की मौजूदगी में जमकर उत्पात मचाया गया. सुलह कराने में स्थानीय विधायक सविता महतो झामुमो केंद्रीय सदस्य काबलू महतो भी मौजूद रहे. अब सवाल यह उठता है कि आखिर रसूखदार महंत को सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आदेश किसने दिया ? 20 लाख की गाड़ी पर घूमनेवाले महंत ने महज ₹25 के टोल के चलते इतना बड़ा तांडव करवा दिया. उल्टा टोल कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया. यहां सवाल यह भी उठता है कि भगवा धारियों के तांडव से घायल हुए टोल कर्मियों का इलाज कौन कराएगा ? बता दें कि इस हमले में आधा दर्जन टोल कर्मी घायल हुए हैं. और लाखों का उपकरण क्षतिग्रस्त हुआ है. देखें video
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