चांडिल: सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल के कपाली के डोबो काजू बागान में सोमवार से शुरू होनेवाले प्रख्यात कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का कार्यक्रम विवादों में घिरता जा रहा है. खबर है कि आयोजकों ने वन विभाग की भूमि के किनारे डीप बोरिंग करवा दी है. इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को मिलने के बाद विभाग हरकत में आ गई हैं. वहीं, वन विभाग के अधिकारी अब आयोजकों के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी कर रही हैं.
विदित हो कि पं. प्रदीप मिश्रा का कथा प्रवचन कार्यक्रम कल यानी 5 फरवरी से होना है. इसकी तैयारी जोरों पर चल रही हैं. आयोजकों ने भव्य पंडाल बनवाया है. लोगों की सुविधा के लिए पोर्टेबल शौचालय की व्यवस्था भी की है. इस कार्यक्रम में आकर कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं से वीआईपी, वीवीआइपी तथा सामान्य एंट्री पास के लिए मोटी रकम वसूली जा रही हैं. कार्यक्रम स्थल वन विभाग की भूमि है, इसके लिए वन विभाग ने शर्तों के साथ अनुमति दी है. वन विभाग ने आयोजकों को निर्देश दिया है कि वन विभाग की भूमि पर किसी भी तरह का स्थायी निर्माण नहीं करेंगे. वहीं, वन भूमि को किसी तरह से क्षति पहुंचाने का प्रयास नहीं करेंगे. पर, यहां आयोजकों ने वन विभाग के निर्देशों की धज्जियां उड़ा दी है. आयोजकों ने वन विभाग की जमीन पर डोजर चलवाकर कार्यक्रम स्थल का समतलीकरण करवाया है. साफ सफाई के नाम पर झाड़ियों के साथ- साथ छोटे- छोटे पेड़ पौधों को उजाड़ दिया गया है. चौकानें वाली जानकारी मिली है कि बीते दिनों रात के अंधेरे में आयोजकों ने वन विभाग की भूमि पर डीप बोरिंग करवा दी है. अगली सुबह जब ग्रामीणों ने आपत्ति जताई तो आयोजकों ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि किसी श्रद्धालु ने जानकारी दिए बगैर रात को डीप बोरिंग करवा दी है.
इस मामले को लेकर चांडिल रेंजर मैनेजर मिर्धा से बात की गई. उन्होंने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रथम दृष्टया जानकारी मिली है कि वन भूमि के बगल में किसी अग्रवाल जी के जमीन पर डीप बोरिंग की गई हैं. फिलहाल वे छुट्टी पर बाहर हैं. चांडिल आकर स्वयं जांच करेंगे. वन भूमि क्षेत्र में डीप बोरिंग पाए जाने तथा वन भूमि को किसी तरह की क्षति पहुंचाने पर आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ग्राम सभा ने जतायी आपत्ति
डोबो गांव के पारंपरिक ग्रामप्रधान शंकर सिंह ने कहा कि बगैर ग्रामसभा के भव्य कथा आयोजन किया जा रहा है. यह क्षेत्र संविधान की पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है, ऐसे में बगैर ग्रामसभा की अनुमति से कार्यक्रम करना, कानून का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि आज ग्रामसभा के सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा और मुख्यमंत्री चंपई सोरेन समेत जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों से कार्यक्रम को लेकर शिकायत की जाएगी. ग्रामीणों ने कहा कि जिस वन भूमि में कार्यक्रम आयोजित है, वहां पर आयोजकों द्वारा एक डीप बोरिंग करवा दी गई हैं जो वन विभाग के शर्तों का उल्लंघन है. डोबो ग्रामसभा निगरानी समिति के अध्यक्ष अनूप महतो ने कहा कि हर छोटी- छोटी योजनाओं तथा अन्य कार्यक्रमों के लिए प्रशासन द्वारा ग्रामसभा की अनुमति मांगी जाती हैं. किसी भी सरकारी योजनाओं में ग्रामसभा को प्राथमिकता दी जाती हैं. बड़े आयोजनों में भी ग्रामसभा की अनुमति की आवश्यकता होती हैं. लेकिन प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम को लेकर ग्रामसभा की अनुमति नहीं ली गई हैं. इसके लिए आयोजकों के साथ साथ जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारी दोषी है. अनूप महतो ने कहा कि आज शाम ग्रामीण बैठक करेंगे और शिकायत पत्र तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, वन विभाग तथा आयोजकों के खिलाफ सीधे मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से शिकायत करेंगे. इसके लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा है.
एसडीओ ने किया स्थल निरीक्षण
चांडिल एसडीओ गिरजा शंकर महतो ने रविवार को थाना प्रभारी के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाएगा. मजिस्ट्रेट के अधीन पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेंगे. सरायकेला उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक ने पूर्व में ही स्थल का निरीक्षण किया था. उन्होंने कहा कि प्रशासन लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था देखेगी. वन भूमि में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए वन विभाग द्वारा आयोजकों को अनुमति दी गई हैं. ग्रामसभा की अनुमति ली गई हैं या नहीं, इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है. इस विषय पर जानकारी प्राप्त किया जाएगा. उधर भेद खुलते ही आयोजकों ने डीप बोरिंग की पाइप को कपड़े से बांधकर बंद कर दिया है और उसमें मिट्टी डालकर ढंक दिया गया है. ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि आयोजकों द्वारा वन भूमि पर स्थायी तौर कब्जा करने की यह एक सुनियोजित कार्यक्रम है.
पांच हजार से एक लाख एंट्री फीस
बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है. इसके एवज में आयोजक पांच हजार से एक लाख तक वसूल रहे हैं.