चांडिल (Sumangal Kundu (Kebu) सरायकेला- खरसावां जिला का नीमडीह थाना क्षेत्र इन दिनों अवैध कारोबार के लिए अपनी नई पहचान बना चुकी हैं. नीमडीह थाना क्षेत्र में खुलेआम अवैध कारोबार के धंधे फलफूल रहे हैं. हर प्रकार के अवैध कारोबार के लिए फिलहाल नीमडीह थाना क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित जोन है. चाहे अवैध रूप से देशी व विदेशी शराब का निर्माण हो अथवा लौह- अयस्क की अवैध कटिंग का धंधा, सबकुछ पुलिस के नाक के नीचे चल रहा हैं. इन अवैध कारोबार में विभिन्न राजनीतिक दल के लोग संलिप्त हैं.
आबकारी विभाग द्वारा लगातार किए जा रहे छापेमारी में नकली अंग्रेजी शराब के कारोबार का भंडाफोड़ हो रहा है, लेकिन नीमडीह थाना क्षेत्र के चांडिल- पुरुलिया नेशनल हाइवे किनारे अवैध रूप से चल रहे टाल (डिपो) के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही हैं. इससे पुलिस की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है. आखिर पुलिस ऐसे अवैध कारोबार के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं यह गंभीर विषय है. क्या अवैध कारोबार के एवज में चढ़ावा मिलता है अथवा कहीं से कार्रवाई न करने का दबाव है ?
नीमडीह थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे किनारे बड़े ट्रिप ट्रेलर तथा ट्रकों से खुलेआम आयरन ओर (लोह अयस्क) को उतारा जाता है. थाना क्षेत्र के पश्चिम बंगाल के सीमा पर आदारडीह में दो जगह तथा लुपुंगडीह में दो जगह पर अवैध डिपो का संचालन हो रहा है. जहां बड़े वाहनों से लौह- अयस्क उतारे जाते हैं. अवैध कारोबारियों द्वारा प्रतिदिन 20- 25 वाहनों से थोड़े थोड़े लौह- अयस्क उतारकर उन्हें इकट्ठा किया जाता है और फिर उन्हें बड़े वाहनों से बेचा जाता है. जिन वाहनों से लौह- अयस्क उतारे जाते हैं, उसकी भरपाई के लिए मिलावट वाले मेटेरियल भर दिए जाते हैं. यह सबकुछ दिन के उजाले में खुलेआम हो रहा है. इसके धंधे में संलिप्त कुछ लोगों से बातचीत में पता चला है कि खुलेआम अवैध रूप से डिपो चलाने के लिए मैनेज सिस्टम को प्रतिमाह लाखों रुपए दिए जाते हैं. प्रति डिपो से हर महीने करीब एक लाख रुपये का भुगतान मैनेज सिस्टम को जाता है. अब इस मैनेज सिस्टम के हिस्सेदार कौन- कौन हैं ये हम नहीं बता सकते, मगर इतना जरूर है कि इस हेराफेरी से ट्रांसपोर्टरों को भारी चूना लग रहा है.