चांडिल/ Sumangal Kundu (Kebu) भाजपा के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी. इस संबंध में नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह स्थित नारायण प्राइवेट आईटीआई संस्थान के संस्थापक सह झारखंड प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. जटा शंकर पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है. भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में लालकृष्ण आडवाणी का योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है. वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.
लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं. आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे. वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की, तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे. वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व सम्भाला. वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे. इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला.
डॉ. पांडे ने कहा कि इसी दौरान वर्ष 1990 में राम मन्दिर आन्दोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली, हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी जी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया. 1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया था. वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है.
डॉ. जटा शंकर पांडे ने कहा कि वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व संभाला. आडवाणी इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे. आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद संभाला है वह है एनडीए शासनकाल के दौरान उपप्रधानमन्त्री का. लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृह मंत्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया. भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए. आडवाणी जी पुस्तकें, संगीत और सिनेमा में विशेष रुचि रखते हैं.