चांडिल Sumangal Kundu (Kebu) : सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत जुगीलोंग-पुरियारा में कोजागारी लक्ष्मी पूजा के पावन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो मौजूद रहे. मुख्य अतिथि हरेलाल महतो ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान दर्शकों को संबोधित करते हुए हरेलाल महतो ने कहा कि गीत-संगीत का इतिहास काफी प्राचीन है. प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता गीत, नृत्य और संगीत के माध्यम से मनोरंजन करते आ रहे हैं.


उन्होंने कहा कि आधुनिक लोकप्रिय नृत्य संगीत प्रारंभ में 19वीं सदी के उत्तरार्ध के पश्चिमी सामाजिक नृत्य संगीत से उभरा. 20वीं सदी की शुरुआत में नृत्य ने सार्वजनिक नृत्य हॉलों में भाग लेने वाले श्रमिक वर्ग के बीच लोकप्रियता हासिल की. 1920 के दशक के दौरान नृत्य संगीत अत्यधिक लोकप्रिय हो गया. 1930 के दशक में, जिसे स्विंग युग के रूप में जाना जाता है, स्विंग संगीत अमेरिका में लोकप्रिय नृत्य संगीत था. हरेलाल महतो ने कहा कि 1950 के दशक में रॉक एंड रोल लोकप्रिय नृत्य संगीत बन गया. 1960 के दशक के अंत में सोल और आर एंड बी संगीत का उदय हुआ. डोमिनिकन और क्यूबन न्यू यॉर्कर्स ने 1960 के दशक के अंत में लोकप्रिय साल्सा नृत्य बनाया, जो साल्सा की लैटिन संगीत शैली से उत्पन्न हुआ था.
1970 के दशक की शुरुआत में डिस्को के उदय के कारण नृत्य संगीत जनता के बीच लोकप्रिय हो गया। 1970 के दशक के अंत तक इलेक्ट्रॉनिक नृत्य संगीत विकसित हुआ. इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग करके बनाया गया यह संगीत, लोकप्रिय संगीत की एक शैली है जो आमतौर पर नाइट क्लब, रेडियो स्टेशनों, मंच और रेव में बजाया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक नृत्य संगीत की कई उपशैलियाँ विकसित हुई हैं. हरेलाल महतो ने कहा कि झारखंड में अनेक प्रकार के लोकगीत एवं लोकनृत्य है. इस क्षेत्र में सभी भाषाओं की गीत नृत्य काफी लोकप्रिय है. इस दौरान काफी संख्या में दर्शक उपस्थित थे.
