चांडिल/ Sumangal Kundu संविधान निर्माता सह भारत सरकार के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री डॉ0 भीम राव अंबेडकर की 132 वीं जयंती के मौके पर आजसू के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो के नेतृत्व में आजसू पार्टी ने चांडिल प्रखंड के भुइंयाडीह स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया.
इस अवसर पर आजसू नेता हरेलाल महतो ने कहा कि डॉ0 भीम राव अंबेडकर भारत के लोकप्रिय समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री आदि बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी द्वारा तैयार किए गए संविधान के पाठ में व्यक्तिगत नागरिकों के लिए नागरिक स्वतंत्रता की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए संवैधानिक गारंटी और सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसमें धर्म की आजादी, छुआछूत को खत्म करना और भेदभाव के सभी रूपों का उल्लंघन करना शामिल है. बाबा साहेब डॉ0 भीम राव अंबेडकर ने महिलाओं के लिए व्यापक आर्थिक और सामाजिक अधिकारों के लिए तर्क दिया. वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों के लिए नागरिक सेवाओं, स्कूलों और कॉलेजों में नौकरियों के आरक्षण की व्यवस्था शुरू करने के लिए असेंबली का समर्थन जीता जो सकारात्मक कार्रवाई थी. भारत के सांसदों ने इन उपायों के माध्यम से भारत की निराशाजनक कक्षाओं के लिए सामाजिक- आर्थिक असमानताओं और अवसरों की कमी को खत्म करने की उम्मीद की. हरेलाल महतो ने कहा कि डा0 भीम राव अंबेडकर की अध्यक्षता में बनाई गई संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था. इस अवसर पर घासीराम लायक, गौरी प्रसाद लायक, लक्ष्मीकांत महतो, कृष्णा लायक आदि उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur