चांडिल/ Sumangal Kundu (Kebu) : अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच की ओर से रविवार को चांडिल डैम के विस्थापितों ने 10 सूत्री मांगों को लेकर चांडिल से रांची के राजभवन तक पदयात्रा निकाली. इस पदयात्रा में शामिल विस्थापितों के लिए रात में नागासेरेंग हाई स्कूल में विश्राम की व्यवस्था की गई है. मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने बताया कि रविवार को आंधी, बरसात के बावजूद विस्थापित अपने अधिकारों की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारें हमें बेघर कर चैन की नींदें सो रही है और हम सभी 40 वर्षों से अपना हक पाने के लिए जूझ रहे हैं. पदयात्रा का अगला पड़ाव 2 अक्टूबर को नामकुम में और 3 अक्टूबर को अंतिम पड़ाव नामकुम से राजभवन तक होगी.
इसी बीच 3 अक्टूबर की कार्यक्रमों में 84 मौजा के 116 गांवों के चांडिल डैम विस्थापितों ने अपने अधिकारों के लिए अपनी मांग पत्र के साथ एक दिवसीय सत्याग्रह धरना-प्रदर्शन रांची के जाकिर हुसैन पार्क में करेंगे. राकेश रंजन महतो ने कहा कि प्रत्येक विकास पुस्तिका में विस्तापित परिवार को सरकारी नौकरी दिया जाए अथवा प्रत्येक विस्थापित परिवार के लिए 60 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश के तर्ज पर चाण्डिल डैम विस्थापितों को आज के महंगाई अनुसार मुआवजा दिया जाए.प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को 25 डिसमिल जमीन दिया जाना था, जो अब तक किसी को नहीं मिला, जिसे जल्द पूरा किया जाए.
उन्होंने कहा कि हमारी मांगों में यह भी शामिल है कि 18 वर्ष पूरा होने वाले सभी विस्थापितों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया जाए. वहीं विस्थापित एवं सरकार के बीच सांमजस्य स्थापित हेतु समन्वय समिति परियोजना का गठन किया जाए एवं उस समिति में अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच को भी रखा जाए. इस प्रकार अपनी मांगों को रखने के लिए एवं कार्यक्रम को सफल बनाने एवं आगे बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से राजीव महतो, अरुण धीवर, विवेक सिंह बाबू, गीता रानी महतो, मंजू गोराई, लक्ष्मी महतो, प्रथमी महतो, मोनिका महतो, सीमंत कुमार महतो, काशीनाथ महतो, सागर महतो, सीताराम महतो, रामकृष्ण महतो, त्रिलोचन महतो, इंद्रजीत महतो, राजेश महतो, मलखान महतो, सुधांशु महतो, तापस महतो, हाराधन महतो आदि का प्रमुख भूमिका रही.