,चांडिल/ Sumangal Kundu ( kebu) लगातार हो रही बारिश से चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जलस्तर बढ़ने के बाद चांडिल डैम के डूब क्षेत्र के दर्जनों विस्थापित गांव जलमग्न हो गए हैं. डैम का जलस्तर बढ़ने के बाद विस्थापितों की परेशानी बढ़ गई है. लोग अपने घरों में दहशत के साथ रह रहे हैं. डैम का जलस्तर बढ़ने के बाद 12 रेडियल गेट खोल दिये गये हैं. इनमें सात रेडियल गेट को एक- एक मीटर और पांच रेडियल गेट को आधा- आधा मीटर खोला गया है.
शुक्रवार की सुबह डैम का जलस्तर 181.90 मीटर दर्ज किया गया है. गुरुवार की रात डैम का जलस्तर 181.80 मीटर दर्ज किया गया था. लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे पांच रेडियल गेटों को एक साथ खोल दिया गया.
जलमग्न हुए डूब क्षेत्र के गांव
चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने के साथ डैम के किनारे डूब क्षेत्र में स्थित दर्जनों विस्थापित गांवों में पानी घुस गया है. डैम के पानी से जलमग्न विस्थापित गांवों में रहने वाले विस्थापित परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को हो रही है. ईचागढ़ गांव के विद्यार्थियों को नाव का सहारा लेकर घर से गांव के बाहर तक निकलना पड़ रहा है. वहीं रोजमर्रा के काम से गांव से बाहर जाने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वैसे बारिश होते ही विस्थापितों की दिल की धड़कन बढ़ जाती है. तेज बारिश होने पर डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ता है, जिसके कारण डैम के किनारे बसे डूब क्षेत्र के गांवों में डैम का पानी घुस जाता है. डूब क्षेत्र के गांवों में रहने वाले विस्थापितों ने कहा कि बगैर संपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास सुविधा दिए विस्थापित परिवारों को डुबाना असंवैधानिक है. परियोजना प्रशासन पहले विस्थापित परिवारों को संपूर्ण मुआवजा का भुगतान करे और सभी को संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा दे. उसके बाद डैम में जल भंडारण करे.
प्रतिवर्ष डूब क्षेत्र के गांव जलमग्न होते हैं, जिससे विस्थापित परिवारों की परेशानी बढ़ जाती है. बताया जाता है कि विस्थापित होने के बाद परियोजना प्रशासन की ओर से संपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा नहीं मिलने के कारण सैकड़ों की संख्या में विस्थापित परिवार अब भी अपने पुराने गांव में ही रहते हैं.