चांडिल/ Manoj Swarnkar चांडिल प्रखंड सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता मे बाल संरक्षण जागरूकता प्रशिक्षण सह एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड सरायकेला- खरसावां, सभी आंगवाड़ी सेविका समेत अन्य उपस्थित हुए.
कार्यक्रशाला मे जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं सदस्य किशोर न्याय बोर्ड सरायकेला खरसावां द्वारा सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को बाल संरक्षण के विभिन्न मुद्दे जैसे- बाल विवाह, बाल श्रम, यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा, किशोर न्याय अधिनियम, बाल व्यापार आदि विषय पर विस्तृत जानकारी साझा की गईं.
इस दौरान चाइल्ड लाइन का संपर्क नंबर 1098 के बारे में विस्तृत चर्चा हुई. बताया गया कि यदि आप महिला या बच्चे को विकट परिस्थिति में पाते हैं तो 1098 पर सम्पर्क करे ताकि चाइल्डलाइन के कर्मी आकर बच्चे को अपनी सुरक्षा में ले सके. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार ने बाल विवाह के बारे में बताया कि यह एक बहुत ही दुखद परिणाम देने वाली प्रथा है. हम सभी को मिलकर इस इस कुरीति को रोकना है. बाल विवाह में बाल विवाह करने वाले परिवार, बाल विवाह में शामिल लोग तथा बाल विवाह में खाना बनाने वाले लोगों को कारावास का प्रावधान है.
यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा पोक्सो कानून 2012 में पास की गई. बच्चों को यौन अपराध से सुरक्षा हेतु काफी कड़ा कानून बनाया गया है. इस कानून के तहत बच्चों के साथ होने वाला यौन अपराध का रिपोर्ट लिखना और लिखाना अनिवार्य है. बच्चों का यौन अपराध संबंधी रिपोर्ट लिखने से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है. बाल संरक्षण के विभिन्न मुद्दे से संबंधित पीड़ित बच्चों के लिए सरकार द्वारा विभिन्न पुनर्वास की योजनाएं चलाई जा रही है. अनाथ एवं एकल माता के बच्चों को स्पॉन्सर योजना से जोड़ने का प्रावधान है. बच्चों को पठन- पाठन हेतु विद्यालय में नामांकन का प्रावधान है.
इस जागरूकता शिविर में सभी आंगनबाड़ी सेविकाओंएक5i को बाल संरक्षण के सभी मुद्दों पर समाज में वृहत जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया गया.