गम्हरिया: संथाल आदिवासी खेरवाड़ समुदाय के प्रमुख त्योहारों में एक बाहा पर्व के मौके पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सरायकेला के स्थानीय विधायक चंपई सोरेन ने अपने पैतृक गांव गम्हरिया प्रखंड के जिलिंगोड़ा स्थित पारंपरिक जाहेरगढ़ में बाहा बोंगा की पूजा- अर्चना की और राज्य के सुख- समृद्धि की कामना की.

बता दें कि बाहा पर्व को लेकर जिलिंगोड़ा जाहेरगढ़ को दुल्हन की तरह सजाया गया है. यहां की खूबसूरती देखते बन रही है. इस पर्व में प्राकृतिक संसाधनों की पूजा- अर्चना की जाती है. साथ ही मुर्गे की बलि देकर मरांगबुरु से परिवार के समृद्धि की कामना की जाती है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को बाहा पर्व की शुभकामनाएं दी.
मीडिया से बातचीत के क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने एक बार फिर से रूढ़िवादी परंपरा के संरक्षण और संवर्धन की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा आज साजिश के तौर पर राज्य में आदिवासियों के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा आज हमने अपने मारांग बुरु से राज्य में हो रहे घुसपैठ और रूढ़िवादी परंपरा को कायम रखने का आशीवार्द मांगा है. आगामी 23 मार्च से राज्य के आदिवासियों के साथ नए आंदोलन की शुरुआत की जाएगी ताकि राज्य में हो रहे घुसपैठ और यहां के रूढ़िवादी परंपराओं के साथ हो रहे छेड़छाड़ पर अंकुश लगे. उन्होंने एकबार फिर से राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा राज्य सरकार आदिवासियों और रूढ़िवादी परंपरा के संरक्षण में पूरी तरह से नाकाम रही है. जब वे मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इस दिशा में काम किया था जिसपर अब विराम लग गया है. उन्होंने कहा कि अब वे इसको लेकर आंदोलन करेंगे.
