सरायकेला: चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने कृषि उपजों पर झारखंड सरकार द्वारा अवांछित टैक्स लगाने संबंधित विधेयक को किसान व्यापारी एवं जन विरोधी करार दिया.
राज्य सरकार के झारखंड में कृषि बाजार शुल्क को पुनः प्रभावी होने के मामले पर कड़ा विरोध करते हुए चौधरी ने कहा है कि कृषि बाजार शुल्क को पुनः लागू करना राज्य के किसानों, व्यवसायी वर्ग व उपभोक्ताओं के साथ एक तरह ज्यादती होगी. इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और व्यापारियों का दोहन- शोषण भी होगा. चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसे समाप्त किया था और व्यापारियों, किसानों और नागरिकों को राहत देने का काम किया था. यह सरकार उसे लागू करके पुनः भ्रष्टाचार की व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाह रही है. चौधरी ने कहा कि अपने प्रारंभ के कार्यकाल से ही यह सरकार जो खुद को झारखंडी सरकार कहती है, यह व्यवसायियों के दोहन और शोषण करने पर लगी हुई है. कृषि बाजार टैक्स लागू किए जाने से राज्य के व्यवसायियों, किसानों के समक्ष बड़ा संकट उत्पन्न होगा. यह पूरी तरह से अप्रासंगिक विधेयक है. भले ही इसे लागू करने वालों को मालूम नहीं, परंतु इससे महंगाई और बेलगाम होगी. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी. इसकी सीधी मार आम उपभोक्ताओं और किसानों पर पड़ेगी. किसानों की परेशानियां बढ़ेंगी. ऐसे ही इस राज्य के व्यापारी और किसान कई संकटों का सामना कर रहे है. ऐसे में यदि सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो यह बहुत बड़ा अन्याय होगा. भ्रष्टाचार को संरक्षण और पोषण देने वाला होगा.
चौधरी ने कहा कि सरकार को अविलंब इस फैसले को वापस लेना चाहिए ताकि राज्य में व्यवसायिक गतिविधियां आराम से चल सके. किसान अपने काम आराम से कर सकें और सबसे बड़ी बात कि राज्य सरकार को इस तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जहां व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. राज्य की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो ताकि इन्हें सुरक्षित वातावरण में बेहतर व्यवसाय करने का अवसर मिले सके.
उन्होंने बताया कि फेडरेशन झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा कृषि बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक के विरोध में रविवार को रांची में राज्य स्तरीय बैठक में भारी संख्या में व्यापारी द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में 19- 20 अप्रैल को राज्य के सभी खाद्यान व्यापारी अपने प्रतिष्ठान में काला बिल्ला लगाकर व्यापार संचालित करेंगे इसी कड़ी में सरायकेला के सभी दुकानदार काला बिल्ला लगाकर विरोध जता रहे है, और कल से चरणबद्ध आंदोलन के तहत 21 अप्रैल को इस विधेयक के विरोध में अपने- अपने प्रतिष्ठान में पोस्टर लगाकर आमजनों को जागरूक किया जाएगा.