चक्रधरपुर/ पश्चिमी सिंहभूम जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष हरिन तमसोय के नेतृत्व मे मुखिया संघ के प्रतिनिधियों ने पांच सूत्री मांग को लेकर झामुमो जिलाध्यक्ष सह चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव से मुलाक़ात कर मांग पत्र सौपा.
क्या है मांगे :-
1. झारखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं यथा जिला परिषद, पंचायत समिति एंव ग्राम पंचायतों को झारखण्ड राज्य पंचायत राज अधिनियम 2001, विभिन्न संकल्प पत्र एंव अधिसूचनाओं के माध्यम से प्राप्त शक्तियों को धरातल पर लागू नही किया जा रहा है. लोकतंत्रिक रूप से चुने पंचायत जनप्रतिनिधि का कोई मान सम्मान नही किया जाता है. इस संबंध में उपायुक्त सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों को जिला मुखिया संघ पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था पर कोई पहल नही हुआ.
2. 15 वें वित्त आयोग के प्रभाव में आने के बाद झारखण्ड सरकार अनुबंद के आधार पर बाहल पंचायती राज विभाग के ऑपरेटरों की सेवा समाप्त कर दी गयी है जिससे पंचायतों को कार्य करने में काफी असुविधा आ रही है. इसलिए निवेदन है कि सदन के माध्यम सरकार से मांग करने की कृपा करें कि पुनः ऑपरेटरों की बाहल की जाए.
3. चूकि मुखिया पंचायत राज व्यवस्था में एक जनप्रतिनिधि के साथ पंचायत का मुख्य प्रशासक भी है. इसलिए सरकार के लगभग सभी कार्यों को मुखियाओं के माध्यम से क्रियाविन्त किया जाता है. इसलिए सदन के माध्यम से सरकार से मांग करने का कृपा करें कि मुखियाओं को सम्मानजनक उचित मानदेय एंव भत्ते दिए जाएं. अथवा पंचायत राज व्यवस्था के तीनो स्तर के अध्यक्षों यथा जिला परिषद अध्यक्ष, प्रखण्ड प्रमुख एंव मुखिया को उनके सचिव यथा उप विकास आयुक्त प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एंव पंचायत सचिव के वेतन से मात्र एक रूपये ज्यादा दिया जाए.
4. केन्द्र वित्त आयोग के तर्ज पर झारखण्ड में राज्य वित्त आयोग को क्रियाशील किया जाए. और पंचायतों को राज्य वित्त आयोग से भी फंड उपलब्ध कराया जाए.
5. जिन जिलों में डी०एम०एफ०टी० फंड है उन जिलों में पेयजल, स्वस्थ्य एंव सड़क निमार्ण होने वाले खर्च सीधे जिला से व्यय ना करके ग्राम पंचायत के मद में फंड उपलब्ध कराया जाए ताकि समय पर एंव सभी पंचायतों का सही विकास हो.