चक्रधरपुर/ Ashish Kumar Verma राज्य में मैट्रिक पास कर इंटर में एडमिशन लेने की चाहत रखनेवाले हजारों छात्र- छात्राएं इन दिनों बेहद परेशान हैं. इनकी परेशानी की वजह शिक्षा विभाग और यूजीसी की वो चिठ्ठी है जिसमें नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई समाप्त करने की बात कही गई है.
इस चिठ्ठी के आधार पर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों ने अपने अंगीभूत कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई समाप्त करने का निर्णय लेते हुए 2023-25 सत्र के लिए इंटर में नामांकन पर रोक लगा दी है. विश्वविद्यालय के इस निर्णय से कॉलेजों में इंटर की 96 हजार सीटों पर नामांकन फंस गया है. यूजीसी और राज्य सरकार के इस फैसले से 62 अंगीभूत कॉलेजों पर इसका असर पड़ा है. इन कॉलेजों में इंटर में नामांकन लेने के लिए विद्यार्थी चक्कर लगाते फिर रहे हैं.
इधर, विद्यार्थियों को हो रही परेशानी को देखते हुए पूर्व विधायक शशी भूषण सामड एवं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीनिवासन कुमार से मुलाकात कर इस गंभीर समस्या पर वार्ता की.
पूर्व विधायक शशि भूषण सामड ने कहा कि इस क्षेत्र में प्लस टू स्कूलों की संख्या काफी कम है और जो भी हैं उनमें शिक्षकों का घोर अभाव है तथा सीट भी फूल हो चुके है. सरकार ने स्कूल ऑफ एक्सलेंस के जरिए क्वालिटी एजुकेशन देने का निर्णय लिया है, लेकिन वह भी साधन संपन्न नहीं होने की वजह से छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है. ऐसे में झारखंड के गरीब छात्र जाएं तो जाएं कहां. इसपर सरकार को ही सोचना होगा.
वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी कहा कि पूर्व की राज्य सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों कमी को देखते हुए स्कूलों का विलय कर दिया था. जिससे शिक्षकों की कमी भी पूरी हो गई तथा छात्र- छात्राओं को अच्छी शिक्षा मिल सकी. इस तर्ज पर उच्च विद्यालयों में +2 की पढ़ाई आरम्भ की जाए और यह प्रक्रिया लागू हो तभी इस समस्या का समाधान होगा. इसके साथ ही उन्होंने इस समस्या को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा राज्यपाल को पत्राचार करने की बात कही.
इस विषय पर जानकारी देते हुए जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीनिवासन कुमार ने बताया कि हमारे महाविद्यालय में इंटरमीडिएट का दाखिला बंद करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा पत्र भेजा गया है. वहीं उन्होंने बताया कि राजभवन से कुछ निर्देश मिलने के बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा डिग्री कॉलेजों को ये निर्देश दिए जाएंगे कि किन- किन महाविद्यालयों में इंटर में दाखिला लेना है. जिसके लिए महाविद्यालयों की मैपिंग भी की जाएगी. इस मौके पर भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पाण्डेय, पूर्व नगर अध्यक्ष रूपेश साव मौजूद थे.