चाईबासा/ Jayant Pramanik पश्चिमी सिंहभूम जिले में बालू के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई से जिले में बालू की किल्लत हो गई है. सरकारी एवं निजी कार्यो पर इसका असर बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है. बालू के बगैर जिले में चल रही विकास योजनाएं प्रभावित होने लगी है. यही नहीं अबुआ आवास एवं निजी कार्य प्रभावित हो गए हैं.
रांची लोकसभा और ईचागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के पूर्व प्रत्याशी धीमान रामहरि गोप ने कहा कि विगत दिनों राज्य के अबुआ सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बालू के अवैध खनन पर लगाम लगाने में लगभग 90 प्रतिशत सफलता हासिल किया इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने कहा कि नए साल में बालू खनन के वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर कदम उठाना चाहिए. ताकि जिलेवासियों को सस्ते एवं आसानी से बालू मिल सके. खासकर घरेलू उपयोग में आने वाली समस्या को देखते हुए जिला में बालू घाटों को चिन्हित कर स्थानीय स्तर पर पंचायत के मुखिया को संचालित करने की जिम्मेदारी देनी चाहिए, मुखिया द्वारा ही चालान कटवाना और चालान से होने वाली आय को मुखिया अपने फंड में जमा कराकर चालान से होने वाले आय को मुखिया पंचायत के विकास कार्य में खर्च करना चाहिए.
साथ ही बालू खनन की मॉनिटरिंग जिला खनन पदाधिकारी और क्षेत्र के बीडीओ, सीओ को करनी चाहिए. आगे बताया कि लंबे समय से बालू घाटों की नीलामी जिला में नहीं होने से वैध और अवैध की समस्या से विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. साथ ही स्थानीय लोग घरेलू उपयोग के लिए काफी परेशान हैं. उचित मूल्य पर मार्केट से बालू मिलना सबसे चिंता का विषय बना हुआ है.
इन सब को देखते हुए स्थानीय स्तर पर बालू घाट को चिन्हित कर, जहां से सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए बालू ले सकते हैं. उन्होंने यह बताया कि कमर्शियल यूज के लिए उक्त घाटों से बालू नहीं दिया जाना चाहिए. कमर्शियल यूज के लिए बालू का इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर पंचायत के मुखिया पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो ऐसा प्रावधान के साथ जिम्मेदारी दे देनी चाहिए.