चाईबासा: मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुए 2 कुकी समुदाय की आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार एवं हिंसा को लेकर देशभर में उबाल है.
कोल्हान के सामाजिक कार्यकर्ता सह झापा युवा जिलाअध्यक्ष रेयांस सामड ने कहा कि संविधान में आदिवासियों को विशेष दर्जा प्राप्त है परंतु आज देशभर में कई जगह आदिवासी दलित एवं शोषित वर्गों के साथ हमेशा से अत्याचार होते आ रहा है. भाजपानीत सरकार के तानाशाह कहते हैं कि” बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” मगर देखिए आज बेटियों का हाल देश में बद से बदतर होता जा रहा है.
मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री विदेशों की सैर कर रहे हैं. स्मृति ईरानी चूड़ियां तोड़ने वाली आज महिलाओं के साथ हो रही मर्माहत घटना को लेकर भी मौन है. मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेन सिंह दिल्ली में 38 राजनीतिक दलों के साथ भाजपा गठबंधन को लेकर मीटिंग कर रहे हैं. खाद्य सुरक्षा मंच एवं लॉ छात्र नारायण कांडेयाँग ने कहा कि मणिपुर हिंसा काफ़ी ह्रदयविदारक और भयावाह होती जा रही है, जो एक अति चिंता का विषय है, और यह हिंसा लगभग ढाई महीने बीत जाने के बात भी आज तक इसे रोकने के लिए न केंद्र सरकार ने कुछ बयान या कदम उठाए हैं न ही राज्य सरकार, इससे देश की सरकार का मंशा पता चलता है कि आज जनता के लिए ये भाजपा सरकार क्या चाहती है.
मणिपुर में महिलाओं पर घोर अत्याचार का जो वीडियो सामने आया है. यह असहनीय है. किसी भी राज्य या समाज के लिए. हम सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी करवाई की जाए और दोषियों को फांसी की सजा हो, और हरसंभव मणिपुर हिंसा को रोका जाए, अन्यथा देश की जनता में आंदोलन का उग्र रूप देखने को मिलेगा. मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों से रमेश जेराई, मधुसूधन बनरा, नारायण कंडयंग, सुशीला बोदरा, अर्पित सुमन टोप्पो, ज्योत्स्ना तिर्की, मिली बिरूवा, विनोद सवैया, अमृत माझी, सन्नी सिंकु आदि काफी संख्या में महिला कॉलेज की छात्राएं एवं महिलये उपस्थित थी.