चाईबासा/ Jayant Pramanik
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली ने चाईबासा जेल में मृत मुरली लगुरी मामले में कड़ा रुख अपनाया हैं.
जिस में कहा गया है. इस मामले में, आयोग को अधीक्षक, जिला जेल, चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम, झारखंड से सदर अस्पताल में 09.09.2022 को एक अंडरट्रायल कैदी, मुरली लागुरी चुंडी पुत्र लेफ्टिनेंट चंदर लागुरी की हिरासत में मौत के संबंध में एक सूचना प्राप्त हुई है.
आयोग ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित रिपोर्ट मांगी. आयोग के निर्देशों के अनुसरण में आयोग को निम्नलिखित रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं:-
1. विस्तृत रिपोर्ट, मौत की ओर ले जाने वाले सभी पहलुओं को कवर करती हैं.
2.एनएचआरसी प्रारूप के अनुसार प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट
3.पूर्व जेल सहित पूर्ण चिकित्सा उपचार रिकॉर्ड
4.पूछताछ पंचनामा
5.पोस्टमॉर्टम परीक्षा रिपोर्ट
शेष रिपोर्ट अभी प्रतीक्षित थी.
जिलाधिकारी/ कलेक्टर, पश्चिमी सिंहभूम, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम एवं अधीक्षक, जिला जेल, चाईबासा, झारखंड को शेष रिपोर्ट अर्थात पोस्टमॉर्टम परीक्षा की सीडी जमा करने के लिए दिनांक 05/12/2022 को एक अनुस्मारक जारी किया जाए. आयोग में चार सप्ताह के भीतर विसरा की रासायनिक जांच, विसरा की हिस्टोपैथोलॉजी जांच, एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर मौत का अंतिम कारण और मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट सकारात्मक रूप से, हालांकि, कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है.
इन परिस्थितियों में, जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर, पश्चिमी सिंहभूम, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम और अधीक्षक, जिला जेल, चाईबासा, झारखंड को एक अंतिम अनुस्मारक जारी किया जाता है, जिसमें शेष रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर सकारात्मक रूप से भेजने के लिए कहा जाता है.
आयोग पीएचआर अधिनियम, 1993 की धारा 13 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करने के लिए विवश होगा.
शिकायतकर्ता व मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने कहा कि मुरली लगुरी का मामला अंतिम चरण में चल रहा है. कमीशन कार्रवाई जरूर करेगी.