चाईबासा/ Jayant Pramanik : ईचा खड़काई बांध विरोधी संघ के अध्यक्ष साधो पुर्ती के अध्यक्षता में तांतनगर प्रखंड के तुईबाना मौजा में आपातकालीन स्थिति पर विशेष बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से एक स्वर पर निर्णय लिया कि किसी भी हाल में कुजू डैम को बनाने नहीं दिया जाएगा ताकि यहाँ के आदिवासी, मुलनिवासी का अपना अस्तित्व बने रहे चाहे इस लड़की को लड़ने के लिए कोई भी अड़चनें आए सभी अड़चनों का सम्मना करते हुए इस लड़ाई का असली सैलूशन जब तक नहीं होता है तब तक संघर्ष जारी रहेगा. विस्थापित क्षेत्र के लोगों ने वर्तमान महागठबंधन झामुमो सरकार से डैम और विस्थापित जैसे समस्याओं से निजात पाने का उम्मीद जताई थी लेकिन परिणाम उल्टा ही हुआ.
आगामी बैठक 16 मार्च की बैठक में संघ का पुर्नगठन और लोकसभा चुनाव में विस्थापित क्षेत्र में गिरगिट जैसा रंग बदलने वाले पार्टियों के प्रत्याशियों को सबक सिखाने का निर्णय लिया जाएगा. और इन राजनीति पार्टियों के दलाली करने वाले विस्थापित क्षेत्र के लोगों को चिन्हित कर समाजिक दंड देने का भी निर्णय लिया जायेगा तथा कोई भी कितना पहुँच और पावर वाला ही क्यों न हो. अधिवक्त सह डूब क्षेत्र के बीर सिंह बिरुली ने कहा कि डैम बनाने से यहाँ के रैयतों को किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिल रहा है बल्कि षड्यंत्र के तहत औधोगिक घराने को लाभ के लिए यहाँ के लोगों को विस्थापित करने का योजना बना रहा है. इसलिए समय रहते हुए 127 गाँव के लोग जागरूक हो जाए नहीं तो आने वाले दिनों में अपना अस्तित्व और पहचान ही मिट जाएगा.
सुरेश सोय ने कई तरह के सामाजिक धार्मिक और आर्थिक और डैम से होने वाले लाभ और हानि का विस्तार पूर्वक जानकारियां साझा किया.सुन्नी सिंकू, योगेश कालुंडिया, विनोद सवैया, दशकन कुदादा, गुलिया कुदादा, सुरेश सोय, राईमान कुदादा, मारकंडे बानरा, जीवन पाड़ेया, आदि वक्ताओं ने बारी-बारी से अपना विचार व्यक्त किया.मौके पर विक्रम कुंकल, दुरमु पुर्ती, महेश चंद्र कालुंडिया, पीतम बरजो, बोरलायंग कुंकल, बुधन सिंह बिरुली, मधुसूदन बिरुली, कंडे बिरुली, अमृत मांझी, बिरसा गोडसोरा, गर्दी बिरुली, राहुल बिरुआ, राम सिंह सोय, सचिन पुर्ती, सोना बुड़ीउली आदि उपस्थित थे.