चाईबासा : Rasbihari Mandal/ईचा बाँध विरोधी संग के सदस्यों ने मंत्री दीपक बिरुआ से मिलकर जल्द से जल्द ईचा डैम को रद्द करने का सिफ़ारिश की है, इस दौरान मुख्य रूप से रोमी सिंह देव ,दसकन कुदादा , मार्केंडो बानरा , पूर्ण चंद्र गोप , बीर सिंह बिरूली ने मंत्री बिरुआ से आग्रह किया है यह बांध नही है लोगो के लिये हित कारी, पिछले चुनाव में राजनीतिक दलों पर भारी था यह मुद्दा सन 1984 से खरकई नदी पर निर्मित होने वाले इस बांध में कई अरब रुपये सरकार ने खर्च कर दिये है. यह डैम लोगों के विकास के लिए नहीं सरकारी खजाने को लूटने के लिए बनाया जा रहा है.
वर्ष 1984 में मात्र 129 करोड़ रुपये की राशि से प्रस्तावित ईचा खरकई डैम की लागत वर्ष 2018 में बढ़कर 3000 करोड से भी अधिक पहुंच चुकी है, लेकिन डेम का काम अभी शुरू भी नहीं हो सका है, न ही उसके डूब क्षेत्र के लोगों का पुनर्वास किया गया है. डूब क्षेत्र घोषित होने व सरकारी विकास योजनाओं का क्रियान्वयन इन गांवों में नहीं होने के कारण उक्त गांवों में गर्मियों में पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है, ग्रामीण एक किमी दूर जाकर खरकई नदी से पानी लाकर प्यास बुझाते है.
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने डूब क्षेत्र घोषित कर हमारे साथ अन्याय किया है. सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ ग्रामीण नहीं ले पा रहे हैं. ये ईचा खरकई बांध के डूब क्षेत्र में ईचा, सरजमडीह, बंदोडीह, कुमड़ी, रेगाड़वेडा, देहरीडीह, बालीडीह, मझगाव, नीमडीह, महुलडीह, सरजमडीह, चंदनखीरी, गुलिया, हेरमा, यदुडीह, हाथीसेरेग, घोलाडीह गांव आते है.