चाईबासा : केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा भारतीय सेना की रेग्युलर भर्ती रोक कर चार साल के ठेके पर फौज की भर्ती करना देश के युवाओं के साथ धोखा है. यह भारतीय सेना की गरिमा, परम्परा जुड़ाव की भावना व अनुशासन की परिपाटी के साथ खिलवाड़ भी है. प. सिंहभूम जिले के कांग्रेसियों ने शनिवार को अग्निपथ योजना पर संयुक्त रुप से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने देश में ढाई लाख से भी अधिक पद खाली रहने के बावजूद पिछले दो साल से सेनाओं की भर्ती रोक रखी है.
हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा कर केन्द्र में आई इस सरकार के समक्ष जब सेना में नौकरी देने की बारी आई तो वह ऐसी योजना लेकर आ गई जिसमें बहाल हुए सैनिकों का भविष्य ही अंधकार में होगा. दरअसल निजीकरण और पूंजीवाद की राह में अग्रसर यह सरकार देश में गुलाम एवं लाचार बेरोगारों की फौज खड़ा करना चाहती है. कांग्रेसियों ने कहा कि रक्षा विशेषज्ञों का भी मानना है कि चार साल की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती की यह योजना देश की सुरक्षा के लिए उचित संदेश नहीं है. यह निर्णय कहीं न कहीं तीनों सेनाओं की कार्यक्षमता, निपुणता, योग्यता, प्रभावशीलता व सामर्थ्य पर समझौता करने वाला है. इससे सेना की कार्यशील क्षमता घटेगी. हमारे देश की सीमाओं के जो हालात है उसमें यह जरूरी है कि हमारे सेना में ऐसे जवान हो जो युवा सुप्रशिक्षित प्रेरित, संतुष्ट और अपने भविष्य के प्रति निश्चित हो , परन्तु इस योजना के प्रावधान इसके ठीक विपरित है. प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों में कांग्रेस के जिला प्रवक्ता जितेन्द्र नाथ ओझा , जिला बीस सूत्री सदस्य त्रिशानु राय, प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां, मोहन सिंह हेम्ब्रम, युवा कांग्रेस नगर अध्यक्ष मो. सलीम, सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह, कार्यालय सचिव सुशील कुमार दास, रवि कच्छप, सुभाष राम तुरी, गालु सुम्बरुई, राजू कारवा, कार्तिक बोस , नारायण निषाद आदि शामिल थे.