चाईबासा: 28 मई को केन्द्र की भाजपा सरकार आठ वर्षों का सफर पूरा करने के उपरांत नौवें वर्ष में कदम रखेगी. अपनी उपलब्धियों का बखान भी करेगी, पर एक सजग राजनैतिक विपक्ष होने के दायित्व के साथ कांग्रेस केन्द्र की भाजपा सरकार को आईना दिखाना जरूरी समझती है.
झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पाण्डे व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के निर्देश पर केन्द्र की मोदी सरकार के आठ वर्ष के कार्यकाल की विफलताओं के निमित्त गुरुवार को प. सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कांग्रेस भवन चाईबासा में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया. संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से प. सिंहभूम जिला के सह संयोजक देबू चटर्जी उपस्थित थे.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए देबू चटर्जी ने कहा कि आज आठ वर्षों के बाद पूरा देश नफरत एवं डर के वातावरण में जीने को मजबूर है. धर्मांधता- रूढ़िवादिता का अंधकार फैलाया जा रहा है. अल्पसंख्यक वर्गों खास तौर से मुस्लिम, ईसाईयों व सिखों को निशाना बना रखा है. समाज में विभाजन के बीज बो कर व तुष्टिकरण की इस राजनीति को आधार बना भाजपा चुनावी जीत तलाशती है.
श्री चटर्जी ने आगे कहा कि चुनाव में अब तरक्की विकास, सड़क, स्कूल, शिक्षा, अस्पताल, उधोग, रोजगार, खेती मुद्दे नहीं रह गए है.
भाजपा प्रायोजित मुद्दे है शमशान- कब्रिस्तान, बुलडोजर, लाउडस्पीकर, मंदिर बनाम मस्जिद बनाम गिरजाघर बनाम गुरुद्वारा, सड़कों के नाम बदलना, खाने- पहनने के नाम पर समाज का बंटवारा आदि.
पिछले आठ वर्षों में केन्द्र की भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही है कि राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई गैर भाजपा सरकारों को अपदस्थ करने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों का ज्यादा से ज्यादा दुरुपयोग किया जा रहा है.
देश में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत से अधिक है. भारत सरकार, सरकारी उपक्रमों व प्रांतीय सरकारों को मिलकर 30 लाख से भी ज्यादा पद खाली पड़े है. सेनाओं में 2,55,000 पद खाली है. 2 करोड़ रोजगार हर साल देना तो दूर, करोड़ो रोजगार चले गए है. आदिवासियों व दलितों का सब प्लान खत्म कर दिया गया. नके आरक्षण व दलित पक्षधर कानूनों पर हमला बोला जा रहा है. सरकारी उपक्रम बेच कर दलितों व पिछड़ो का आरक्षण खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा किसान व खेती को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का षड्यंत्र जारी है. पहली बार खेती उपकरण पर जीएसटी लगाया गया, खाद हो, ट्रैक्टर व खेती उपकरण हों, कीटनाशक दवाई हो, खाद की सब्सिडी काटी जा रही है. डीएपी व यूरिया की कीमतें आसमान छू रही है. एमएसपी गारंटी कानून पर चर्चा ही नहीं. मनरेगा का बजट काट दिया है. किसान की आय साल 2022 तक दुगना होना तो दूर, उपज की कीमत भी नहीं मिल रही है. देश की भूभागीय अखंडता पर हमला बोला गया है. चीन ने दु:स्साहस कर लद्दाख में भारत माता की सरजमी पर कब्जा कर रखा है. पर मोदी सरकार चीन की हमारी सरजमी से वापस खदेड़ने में सक्षम साबित हुई है. सरकार केवल चीनी ऐप बैन कर झूठी वाहवाही लूट रही है और उल्टा चीन से वस्तुओं का आयात बढ़कर 97 बिलियन डॉलर हो गया है.
आठ वर्षों में झारखंड के साथ सिर्फ उपेक्षात्मक रवैया रखते हुए झारखंड में कभी डबल इंजन की सरकार के नाम पर कभी घोषणाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ विश्वासघात हुआ है.
झारखंड का केन्द्र सरकार पर करीब 1.36 लाख करोड़ बकाया है. यह राज्य का अधिकार है. एक तरफ झारखंड को लेकर संवेदनशील होने का दावा किया जाता है, पर राज्य ने केन्द्र को हो, मुंडारी, कुडुख को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था, सरना धर्म कोड का प्रस्ताव भेजा था, आजतक इसका भी समाधान नहीं हो पाया. क्या यही संवेदनशील रवैया है ? वैश्विक महामारी के काल में भी राज्य को सहयोग के बजाय अपेक्षित रखने का हर मुमकिन कोशिश जारी रखी गई. जो लोगों ने देखा. डीवीसी के बकाया को केन्द्र द्वारा मिलने वाले राशि से कटौती कर आवंटन देना इसका स्पष्ट प्रमाण है. संवाददाता सम्मेलन में कार्यकारी जिलाध्यक्ष अम्बर राय चौधरी, रंजन बोयपाई, प्रवक्ता जितेन्द्र नाथ ओझा, जिला बीस सूत्री सदस्य त्रिशानु राय, प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां, नगर अध्यक्ष मुकेश कुमार, ओबीसी प्रकोष्ठ प्रखंड अध्यक्ष सिकुर गोप, युवा कांग्रेस पूर्व जिला अध्यक्ष दीनबंधु बोयपाई, प्रमेन्द्र कुमार मिश्रा, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष सरायकेला- खरसावां मुकेश मुंदुईया , प्रोफेशनल कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह, कार्यालय सचिव सुशील कुमार दास, राजू कारवा आदि उपस्थित थे.
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