चाईबासा/ Jayant Pramanik पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखण्ड कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने वन पट्टा अधिकार की मांग को लेकर आगामी दिनों में विभिन्न प्रखंड कार्यालयों के समक्ष धरना- प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है. इसी निमित्त आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत नोवामुंडी प्रखंड में भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले धरना- प्रदर्शन हेमंत सोरेन की वादा खिलाफी और वन क्षेत्र में निवास करने वाले अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ आयोजित किया गया.
श्रीमती कोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव से पूर्व भूमिहीन को जमीन एवं वन पट्टा अधिकार देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वन पट्टा अधिकार आदिवासी समुदायों का आस्तित्व से जुड़ा हुआ है और उनकी आजीविका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, वनों में रहने वाले लोगों की वन पर ही आश्रित सामाजिक और आर्थिक गतिविधियां संचालित होती हैं, वन पट्टा नहीं मिलने से सरकारी सुविधाओं के लिए आवश्यक कागजात जाति प्रमाण पत्र इत्यादि नहीं बन पा रहा है, उनकी पहचान पर भी प्रश्न चिन्ह उठ रहा है, इसी समस्या को लेकर सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में यह कदम उठाने और आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का निर्णय लिया है.
नोवामुंडी प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना- प्रदर्शन कार्यक्रम में
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि हेमंत सरकार ने चुनावी वादे में आदिवासी समाज को वन पट्टा अधिकार देने की बात कही थी. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है. हम इस वादा खिलाफ का विरोध करते हैं और सरकार को मजबूर करेंगे कि वह अपने वादे को पूरा करे. कुछ जेएमएम के लोग वन पट्टा दिलाने के नाम पर लोगों से पैसा का वसूली कर रहे हैं चन्दा कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाये जा रहे इस आंदोलन का उद्देश्य समाज में जागरूकता बढ़ाना और हेमंत सोरेन के वादा खिलाफी के खिलाफ वन क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी भाई- बहनों के अधिकारों के समर्थन में सामूहिक रूप से आवाज़ उठाना है..मौके पर बिपीन लागुरी, शम्भु हाजरा, मधुसूदन तुबिड, चन्द्रमोहन गोप, डेले मुण्डा, बाबूलाल मांझी, रामनाथ मुखी, पहाड़ सिंह लागुरी, शत्रुघन लागुरी, सुखराम कोड़ा, डेलू मुण्डा , सुकराम कोड़ा, मंगल होनहागा, शारदा जोजो, प्रफुल्ल महाकुड, आसना बिरुवा, विक्रम तिरिया, विनीत गोप, मोहन पुरती, सुबीर पान, राणा बोस, लालमोहन दास, झुनु घोष, बसन्ती बेहरा, बेबी मित्रा, रानी करोवा, जुली बेहरा, उषा सिंकू, अनिता चाम्पिया, संजीव राय, श्याम गुप्ता, चैतन गोप, राज गुप्ता, जय गुरुंग, आदि एवं काफी संख्या में वन पट्टा आवेदन देने वाले ग्रामीण एवं मुंडा गण उपस्थित थे.