गुरुकुल के निदेशक गजेंद्र नाथ चैहान ने राज्य के बीएड के नामांकन प्रक्रिया में विलंब के मामले को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया। यह मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुच चुका है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि झारखंड के 135 बीएड कॉलेजों में कुल 13,500 सीटों में अब भी लगभग 3300 सीटें (25 प्रतिशत) खाली हैं। जबकि झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) द्वारा सत्र 2021-2023 के लिए सितंबर 2021 से ही नामांकन लिया जा रहा है। वहीं, नामांकन प्रक्रिया में देरी के चलते राज्य के बीएड कॉलेजों में सत्र सात माह विलंब हो गया है। राज्य में बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए अभ्यर्थियों से 27 सितंबर 2021 तक आवेदन मांगे गये थे। इसके बाद जेसीइसीइबी की ओर से पहले राउंड के तहत नामांकन लेने की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर 2021 निर्धारित की गयी थी। सीटें रिक्त रहने पर दूसरे राउंड की काउंसेलिंग की गयी और नामांकन लेने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर 2021 निर्धारित की गयी। इसके बाद भी 5898 सीटें रिक्त रह गई। जेसीइसीइबी ने राज्य के बीएड कॉलेजों में बची हुई 5898 सीटों पर नामांकन के लिए अंतिम बार तीसरे राउंड की काउंसेलिंग प्रक्रिया 22 जनवरी 2022 को समाप्त की है। इसके बावजूद सभी कॉलेजों में सीटें रिक्त रह गयीं। अब जेसीइसीइबी ने अब तक चैथे राउंड की काउंसेलिंग करने की के लिए कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की है। जिससे सत्र विलंब होते चला जा रहा है। सत्र जितना विलंब होगा विद्यार्थियों की परीक्षा भी उतने ही विलंब से होगी। जिसकी प्रभाव सीधे विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ेगा। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चैथे राउंड में सीटें पूरा भरने का प्रयत्न करे तथा विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सत्र (2021- 2023) का नामांकन प्रक्रिया समाप्त करें तथा परीक्षा लेने की तैयारी करें।
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