रांची: इधर राज्य में होनेवाले त्रिस्तरीय झारखंड पंचायत चुनाव के तहत दाखिल हो रहे नामांकन पत्रों की जांच निर्वाची पदाधिकारी ही करेंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है.
आयोग के अनुसार, इस मामले में केवल एक अपवाद में ही सहायक निर्वाची पदाधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करेंगे जब निर्वाची पदाधिकारी को ऐसा करने से अपरिहार्य रूप से प्रतिबंधित किया गया हो. वैसे यह स्थित बहुत कम आती है. आयोग ने नामांकन पत्रों की जांच को लेकर विस्तृत दिशा- निर्देश सभी निर्वाची पदाधिकारियों को जारी किए है.
सोमवार से पहले चरण के चुनाव के लिए दाखिल नामांकन पत्रों की जांच शुरू हो रही है. राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्रों की जांच को एक अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया बताते हुए उचित मापदंडों को अपनाते हुए नामांकन पत्रों की जांच करने को कहा है. इसमें पूरी निष्ठा एवं निष्पक्षता बरतने के निर्देश देते हुए निर्वाची पदाधिकारियों को सख्त रूप से कहा गया है कि इस बात की कदापि अनुमति नहीं दी जाएगी कि कोई व्यक्ति या कोई राजनैतिक दल निर्वाची पदाधिकारियों के कार्यों में हस्तक्षेप करे तथा हस्तक्षेप से नामांकन पत्रों की जांच प्रभावित हो.
आयोग ने कहा है कि यह आवश्यक नहीं कि नामांकन पत्रों की जांच के समय कोई उम्मीदवार या उसका कोई प्रतिनिधि उपस्थित ही रहे. केवल उनकी अनुपस्थिति के कारण संबंधित उम्मीदवार का नामांकन पत्र अस्वीकृत नहीं होगा.
जांच के समय यदि किसी नामांकन पत्र के संबंध में किसी व्यक्ति द्वारा कोई आपत्ति उठाई जाती है तथा उसके खंडन हेतु संबंधित उम्मीदवार या उसका कोई प्रतिनिधि के उपस्थित नहीं रहने पर भी नामांकन पत्र को अस्वीकृत करने में तथ्यों को ध्यान में रखा जाएगा. यदि यह पाया जाता है कि आपत्ति औचित्यपूर्ण है तभी नामांकन पत्र अस्वीकृत होगा.
*छोटी-मोटी त्रुटियों पर रद नहीं होगा नामांकन*
आयोग के अनुसार, पूर्व में यह देखा गया है कि नामांकन पत्रों में छोटी- मोटी त्रुटियों के आधार पर नामांकन अस्वीकृत कर दिया जाता है. जैसे, किसी नामांकन पत्र में निर्वाचन का वर्ष सही नहीं लिखा हुआ है या निर्वाचन क्षेत्र का नाम सही- सही अंकित नहीं है.
इन गलतियों के लिए नामांकन पत्र रद्द नहीं किया जाएगा. आयोग का मानना है कि यदि ऐसा किया जाता है तो निर्वाचन याचिकाओं की बात आ जाएगी तथा निर्वाचन रद करने की भी समस्या आ जाएगी. दरअसल, आयोग ने लिपिकीय भूल से संबंधित ऐसी गलतियों को नामांकन पत्र दाखिल करने समय ही उम्मीदवारों से दूर करा लेने के निर्देश पूर्व में दिए गए हैं.
नामांकन पत्रों की जांच को लेकर ये भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक नामांकन पत्र की जांच उसपर अंकित क्रम संख्या के अनुसार की जाएगी. यदि किसी उम्मीदवार द्वारा एक से अधिक प्रतियों में नामांकन पत्र दाखिल किया गया है तो उसके सभी नामांकन पत्रों की जांच एक साथ की जाएगी. आयोग ने यह भी कहा है कि कोई उम्मीदवार या उसका प्रस्तावक या कोई अन्य व्यक्ति जिसे उम्मीदवार द्वारा प्राधिकृत किया गया है, नामांकन पत्र या उसके साथ संलग्न
कागजात का परीक्षण करना चाहता है तो उसे पर्याप्त समय दिया जाएगा.