जमशेदपुर (charanjeet singh)
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जमशेदपुर रंगरेटा महासभा में बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है. कहा जाये तो महासभा में भूचाल आ गया है. यह विवाद महासभा के प्रधान मंजीत सिंह गिल के उस बयान को लेकर खड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा है की रंगरेटा महासभा के लोग अपना अस्तित्व भूलकर दिशा विहीन हो गए हैं. बस फिर क्या था इसके बाद समाज के लोगों का मंजीत गिल पर आक्रोश बना हुआ है. आपको बता दें कि लंबे समय से महासभा में दो फाड़ हो गए थे. मंजीत स्वयंभु प्रधान कि भूमिका अदा कर रहे थे. इसे लेकर अंदर ही अंदर समाज के लोगों में रोष व्याप्त था, जो मंजीत के बयान के बाद सार्वजनिक होने लगा है.
मंजीत को उनके पद से हटाने कि कवायद तेज हो चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार संभवतः मंगलवार कि शाम बारिडीह में मंजीत को लेकर बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें उन्हें पद मुक्त किया जा सकता है. साथ ही उनके बयान को लेकर सार्वजनिक माफ़ी मांगने पर भी दबाव दिया जायेगा. मंजीत के विरोध में स्वर उठने के बाद उन पर कई गंभीर आरोप भी सार्वजनिक रूप से लगने लगे हैं.
इसमें चेतना मार्च के नाम पर चंदा उगाही करने, टिनप्लेट खालसा क्लब में पिछले दिनों महासभा कि बैठक में गुरुद्वारा प्रधान पद के उम्मीदवार गुरदयाल सिंह को मंच देने के एवज में 30 हजार रूपये लेने, लड़कियों कि शादी चंदा लेकर करने और उसमें खुद को स्वयंभु प्रकट करना, एक राजनितिक पार्टी को समर्थन करना आदि कई बातें हैं जिसे लेकर मंजीत को आमसभा में घेरने की तैयारी की जा रही है. बहरहाल, इस मामले को लेकर मंजीत सिंह का पक्ष लेने के लिए उन्हें फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
*मंजीत के प्रति समाज के प्रमुख लोगों की प्रतिक्रिया*
समाज का कल्याण करने के बजाये सिख कोम के इतिहास में बड़ा योगदान देने वाले रंगरेटाओं के वंशजों को कलकांकित करने का काम किया गया है. मंजीत सिंह को समाज से क्षमा मांगनी चाहिए.
मनजीत सिंह मंजु
सचिव
अल्पसंख्यक सिख सेवा सदन जमशेदपुर रंगरेटा महासभा वन मैन शो बनकर रह गया है. गलत बयानबाजी के बजाए समाज कल्याण की चर्चा होनी चाहिए.
हरदीप सिंह रंगरेटा
मंगल ऑटो, गोलमुरी
हमे अपने कोम की इतिहास पर फक्र है. प्रधान को अपने समाज को गलत बताना दुःखद है. ऐसा कर उन्होंने एक तरीके से बाबा जीवन सिंह पर ऊँगली उठाई है.
सतपाल सिंह राजू
प्रधान, हावड़ा ब्रिज
अमर शहीद बाबा जीवन सिंह की विरासत की वजह से हम हैं. रंगरेटा महासभा के स्थापना के समय मैंने अपना सम्पूर्ण योगदान दिया, लेकिन नेतृत्वकर्ता के आर्थिक किर्याकलापों के कारण मेरे साथ कई गणमान्य लोगों ने महासभा से दूरी बना ली. आज फिर इस बयान ने हम सबको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है.
गुलशन सिंह
महासचिव
गुरुद्वारा साहिब नमदाबस्ती
अमर शहीद बाबा जीवन सिंह की इतिहास पे पूरे सिक्ख समुदाय को फक्र है और उनके वंशजों को किसी भी प्रकार से बदनाम नहीं करना चाहिए. सबको मिलकर इस कौम के विकास के प्रति चिंता करनी चाहिए.
सरदार दीप सिंह सहोता
प्रधान, दशमेश प्रकाश गुरुद्वारा बिरसानगर
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