बोकारो (Anil Kumar) पैसों की खातिर वन्यप्राणियों और जीव- जंतुओं पर अत्याचार की एक और कहानी बोकारो में सामने आई है. जहां होली के एक दिन पहले गली- मुहल्लों में घूम- घूमकर कर सांपों का तमाशा दिखाने वाले दो सपेरों के पास से सैंड बौआ नामक प्रजाति के सांप को डीएफओ रजनीश कुमार की सूचना पर रेस्क्यू किया गया है.
दोनों सपेरे घूम- घूम कर इस प्रजाति के सांप को दिखाकर लोगों से पैसे लेने का काम कर रहे थे. सैंड बौआ नामक प्रजाति के इस सांप की कीमत 25 करोड़ रुपए तक होती है और इसे नुक्कड़ों और मुहल्ले में दिखाकर सपेरे अपनी जेबें भर रहे थे.
बोकारो के जिला वन पदाधिकारी (DFO) रजनीश कुमार के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने दोनों सपेरों को दबोचा और अति दुर्लभ और बेहद महंगे सैंड बौआ सांप को सुरक्षित रांची के जैविक उद्यान में भिजवा दिया गया.
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दोनों सपेरों का कोई कनेक्शन तस्करी को लेकर सामने नहीं आयी है.
इस सांप को संभालना भी मुश्किल होता है. दो मुंह वाले इस सांप की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 25 करोड़ रुपये तक बताई जाती है. जैसा कि इसके नाम ‘रेड सैंड बोआ’ से ही ज़ाहिर है कि यह रेगिस्तानी इलाकों में ज़्यादातर पाया जाता है. सैंड बोआ एक दुर्लभ प्रजाति का सांप है. इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाईयां, पर्स, कास्मेटिक का समान, कैंसर के इलाज के लिए, नशीली चीज़े, मंहगे पर्फ्यूम और सेक्स पावर बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसके हर जगह पर असानी के उपलब्ध नहीं होने के कारण इसकी कीमत करोड़ों में है.
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एमपी पांडेय (सर्प मित्र- बोकारो स्टील सिक्योरिटी विभाग)