बोकारो: शुक्रवार को बोकारो इस्पात कामगार यूनियन के बैनर तले बोकारो स्टील प्लांट के अंदर इंगोट मोल्ड फाउंड्री में काम करने वाले ठेका मजदूरों ने बोकारो स्टील प्लांट के सी जेड गेट के समक्ष प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन मैनेजमेंट द्वारा इंगोट मोल्ड फाउंड्री से निकाले गए ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी आदि मजदूरों की अन्य समस्याओं को लेकर किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ठेका मजदूर सह बोकारो इस्पात कामगार यूनियन ठेका मजदूर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्राण सिंह ने कहा, कि हम 120 मजदूर लगभग 20- 22 वर्षों से इंगोट मोल्ड फाउंड्री में काम करते आ रहे हैं, मगर मैनेजमेंट ने काम की कमी का हवाला देकर लगभग 65 से 70 मजदूरों को काम से बाहर कर दिया. जिसके खिलाफ हम लोग लगभग एक महीने से लगातार कभी गांधी चौक कभी सी जेड गेट, तो कभी रोड मार्च निकालकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं. वही मजदूरों के नेता बोकारो इस्पात कामगार यूनियन के महामंत्री कॉमरेड रामाश्रय प्रसाद, डिपार्टमेंट ईडी और जीएम से भी वार्ता कर रहे हैं, लेकिन मैनेजमेंट हम मजदूरों के मुद्दे पर सिर्फ टालमटोल की नीति अपनाते हुए आनाकानी कर रही है. इतना ही नहीं यह मुद्दा केवल आईएमएफ का नहीं पूरे प्लांट के मजदूरों का मुद्दा है. जहां मैनेजमेंट और ठेकेदार मिलकर अंग्रेजों वाली हुकूमत चला रही है. पूरे प्लांट में मजदूरों को मिनिमम वेज ना देकर 220, 240 या 250 रुपए दैनिक भत्ता पर मजदूरों से काम लिया जा रहा है. हमारी मांग है, कि निकाले गए मजदूरों को वापस लिया जाए. ठेका मजदूरों को मिनिमम वेज दिया जाए. वही ठेकेदार बदलने पर मजदूर नहीं बदलने की नीति लागू होनी चाहिए. अन्यथा हमारी मांगे नहीं मानी गई तो प्लांट के अंदर और बाहर सभी जगह प्रदर्शन और आंदोलन होगा जिसके जिम्मेदार बोकारो स्टील प्लांट मैनेजमेंट होगा.
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