खरसावां पथ निरीक्षण भवन में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला कमिटि सरायकेला खरसावां के द्वारा ओत गुरू लाकों बोदरा 102 वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने हो भाषा वारंग क्षिति लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रदाजलि अर्पित कर की। वही हो भाषा साहित्य के विकास का संक्लप लिया गया। मौके पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिलाध्यक्ष संजय सरदार ने लाकों बोदरा के जीवन पर प्रकाश डालने हुए आदिवासी संस्कृति व परंम्परा को बचाने का आवाहान किया। उन्होने कहा कि भाषा सभ्यता एवं संस्कृति ही हमारी पहचान है। इसकी रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा। संस्कृति को बढावा देने में उनका अहम योगदान वाले लाकों बोदरा ने वारंग क्षिति लिपि का आविष्कार कर आदिवासियों को एक पहचान दी है। आदिवासी समाज की सेवा के लिए अपना सारा जीवन समर्पित किया। श्री सरदार ने कहा कि आदिवासी की पहचान भाषा से हाती है। इसे कभी भूलना नही चाहिए। इस भाषा के लिपी निर्माण होने से आज कई स्कूल-काॅलेजों में इसका विधिवत पठन-पठान हो रही हैं। लाकों बोदरा की जंयती में श्रद्वाजंलि देने वालों में मुख्य रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो, पूर्व जिलाध्यक्ष उदय महतो, सुशील सांड़गी, प्रकाश मुखी, लाल सिंह सोय, शिव शम्भु लोहार, राउतु हाईबुरू, दुलाल स्वासी, भुपेन्द्र सिंहदेव, दशमा सोय, अंजला सोय, प्रधान माटी सोय, दशरथ सोय, नयन नायक आदि शामिल थे।
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