रांची: जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में आज राँची ज़िले की अफसरों की खूब फ़ज़ीहत हुई. जब केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में आज ATI सभागार में जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित थी.
इस बैठक की शुरुआत तो सौहार्दपूर्ण हुई, लेकिन जैसे-जैसे बैठक आगे बढ़ी अधिकारियों की बोलती बंद नज़र आयी. दरअसल राँची जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में कुल 36 ऐसी योजनाओं पर चर्चा हो रही थी. जो राँची ज़िले में केंद्र की सहयोग से चलायी जा रही है. जब PDS दुकानदारों की मनमानी का उठाया गया मुद्दा. इसी क्रम में CP सिंह और राँची सांसद संजय सेठ ने PDS दुकानदारों की मनमानी और गरीबों को अनाज ना मिलने का मुद्दा उठाया. तो अधिकारियों ने भी इस सवाल के जवाब में कितनी बार बोलना शुरू किया उतनी ही बार अफसर फँसते नज़र आए. CP सिंह के सवाल पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जब अपना पक्ष रखना शुरू किया तो CP सिंह बेहद नाराज़ हो गए.उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि आप सर उन्हें बेवक़ूफ़ ना समझें.यदि उनके आरोप ग़लत साबित हुए तो वे तत्काल राजनीति से संन्यास ले लेंगे.यदि नहीं तो अफसर तुरंत अपना इस्तीफ़ा लिखें.
कुल 36 योजनाओं पर हुई चर्चा जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक काफ़ी अहम मानी जाती है. इस बैठक में नीति आयोग द्वारा निर्धारित वैसी योजनाओं पर चर्चा हुई जिसमें केंद्र की सीधी हिस्सेदारी है. कुल 36 योजनाओं पर चर्चा हुई. जिसमें मनरेगा , दीनदयाल अंत्योदय योजना , दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना , प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सहित कई मुद्दे शामिल थे. इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अफ़सरों को ज़्यादा संवेदनशील बनने की सलाह दी. सवाल यह नहीं कि दिल्ली का पैसा रांची में दिखाई नहीं पड़ा. सवाल यह है कि आख़िर ये पैसे गये कहां? शायद यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा दिशा की बैठक में बार-बार अफसरों को उनके नैतिक कर्तव्यों का आइना दिखाते रहें.