सरायकेला: रविवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह झारखण्ड भाजपा प्रदेश के नेता रमेश हांसदा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाये गए नियोजन निति को उनके जनहित याचिका के आलोक में झारखण्ड हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने को लेकर प्रसन्नता जताई है.
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उन्होंने कहा कि यह निति झारखण्ड की जनता को गुमराह करने के वास्ते बनाई गई थी. निति बनाते वक्त हेमंत सोरेन ने तुष्टीकरण के खातिर उर्दू भाषा को राज्य भर में लागू कर दिया जबकि हिंदी और अंग्रेजी को बाहर कर दिया.
गौरतलब है कि झारखण्ड में क्षेत्रीय भाषा में पढाई नहीं होती है, बल्कि सभी स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई होती है और राज्य में सबसे ज्यादा हिंदी भाषा बोली- सुनी जाती है.
उन्होंने कहा अगर आप सामान्य वर्ग से हैं और आपके बच्चे किसी कारण से दसवीं और बारहवीं राज्य के बाहर से पास किये हों तो वे JSSC द्वारा ली जा रहे नौकरी के परीक्षा के लिए पात्रता नहीं रखते. भले ही वो यहां के खतियानधारी क्यों न हों. इसके उलट कोई भी झारखंड से बाहर का व्यक्ति जो यहां से दसवीं, बारहवीं किया हो वह पात्रता रखता है.
श्री हांसदा ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि क्या इस मामले पर आपको बाहरी लोगों से प्रॉब्लम नहीं है ? आपको बंगलादेशियों से प्रॉब्लम नहीं है ? अगर बच्चा किसी कारण से बाहर से पढ़ाई कर लिया तो उसने क्या गुनाह कर दिया ? क्या वो झारखंडी ही नहीं रहेगा ? और बाहर वाला सिर्फ यहां पढ़ लिया तो वो झारखंडी हो जायेगा. सत्ताधारी पार्टी द्वारा ऐसी राजनीति करना ठीक नहीं है. आगे उन्होंने कहा इस तरह के जनविरोधी नीतियों का आगे भी विरोध जारी रहेगा.
संवादाता सम्मेलन में बिशु महतो, पवन महतो, महाजन साव, अजय महतो, कांति गागराई, बिनय सिंह, महेंद्र बाँसवाला, प्रताप गोराई, संजय गोराई, सुधांशु मुखी, धनंजय महतो, राजेश गोप आदि उपस्थित थे.
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