सरायकेला: भाजपा नेता सह नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि अवैध बालू खनन में विश्व रिकॉर्ड बना चुकी झारखंड सरकार वर्तमान में सख्ती दिखा रही है जिसका खमियाजा अब छोटे लोग भुगत रहे है, जबकि मंत्री- संतरी बडे़ मलाई खा चुके हैं. पिछले ढाई वर्ष में अवैध बालू खनन पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि धड़ल्ले से हुए अवैध बालू के खनन में सफेदपोश माल डकारकर करोड़ों के वारे न्यारे कर गए हैं.
उधर, बड़ों पर अवैध खनन की कार्रवाई में क्यों बचा दिया जाता और जिन्हें अवैध खनन की परिभाषा एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का ज्ञान नहीं है. वैसे लोगों के ऊपर अवैध खनन की कार्यवाई की जा रही है. लोग भय के माहौल में जी रहे है.
जो बालू पिछले दिनों मंत्री और संतरी के सेटिंग के कारण वैध थी आज वहीं बालू अवैध हो गई है. लोगों के घरों में निजी निर्माण के उपयोग में लाए जाने वाली रखी बालू उनके घर से बालू को खनन विभाग, राजस्व विभाग के अफसर अन्य पदाधिकारियों द्वारा सीज कर दिया जा रहा है, तथा कानूनी कार्रवाई करने की बात की जा रही है.
कोई भी कानून जनता की सहूलियत के लिए बनाया जाता है, लेकिन रक्षक ही भक्षक बन गए हैं. झारखंड सरकार द्वारा कानून का दुरुपयोग हो रहा है. खनन नीतियों की धज्जियां उड़ रही है. आज परिस्थिति विपरीत है एक तरफ निर्माण सामग्री विक्रेता, हजारों ट्रैक्टर संचालक व कामगार सब के सब बेरोजगार हो गए और तो और अपने निजी पैसों से खरीदी हुई बालू को अवैध बताने पर लोग सन्न हो जाते हैं. लोगों का कहना है कि अपने पैसों से मकान बनाने में बालू लेने पर इतनी बड़ी सजा होगी.
मनोज कुमार चौधरी में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अविलंब खनन नीति लागू करें अन्यथा जहां विकास के काम ठप हो रहे हैं वहीं झारखंड के लाखों कामगार भुखमरी की स्थिति में पहुंच चुके हैं. अपने को झारखंड वासियों की हितेषी पार्टी कहने वाली सरकार सचमुच झारखंड वासियों के हित चाहती है तो लोकल स्तर पर बालू उठाव की अनुमति प्रदान करें. अन्यथा जनता को झूठे मुकदमे से बचाने एवं रोजगार से वंचित मजदूरों के समर्थन में रोड पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
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