गया: बिहार के गया जिले के एक गांव में ग्रामीणों द्वारा अनूठा फैसला लिया गया है. लोगों ने बैठक के बाद निर्णय लिया है, कि जो उम्मीदवार नोट देकर वोट खरीदना चाहते हैं, वे गांव में नहीं प्रवेश करें. नहीं तो उन्हें कड़ा विरोध का सामना करना पड़ेगा.
यह फरमान गया जिले के बांके बाजार प्रखंड क्षेत्र के बालासोत तरवाडीह के ग्रामीणों ने जारी किया है. यहां एक बैठक हुई, जिसमें रौशनगंज पंचायत के कई गांव के लोगों ने हिस्सा लिया. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पैसे बांटने और लोगों को लालच देकर वोट प्राप्त करने की मंशा लेकर कोई उम्मीदवार उनके गांव में नहीं आए. अन्यथा उन्हें गांव से खदेड़ कर बाहर किया जाएगा. मालूम हो कि पंचायत चुनाव में पैसों का खेल काफी हो रहा है. पैसे वाले उम्मीदवार गुपचुप तरीके से मतदाताओं को रुपए देकर अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं. यह सर्वविदित है. हालांकि इसके विरोध कड़े कानून हैं, लेकिन इसका सही तरीके से अनुपालन नहीं होता है. व्यवहारिक रूप से यह सम्भव भी नहीं है. कौन किसको गुपचुप तरीके से पैसे दे रहा है ? उस पर मुकम्मल निगरानी रखना सम्भव नही है. जिस गांव के ग्रामीणों ने ऐसा फैसला लिया है वह पूर्ण रूप से नक्सल प्रभावित इलाका रहा है. इस क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा कई बड़ी वारदातों को भी अंजाम दिया गया है. जिस इलाके में नक्सलियों के फरमान के बाद वोट डालने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी, उस इलाके में ग्रामीणों द्वारा निष्पक्ष चुनाव के प्रति लिए गये इस सामुहिक निर्णय की सराहना की जा रही है.
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ग्रामीण उदय कुमार ने बताया कि अभी चुनाव के दौरान कई उम्मीदवार रात के अंधेरे में घूम रहे हैं, और नोट देकर वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. अगर इस तरह के लोग चुनाव जीत जाएंगे, तो पूरे पंचायत को भ्रष्टाचार का अड्डा बना देंगे. इनको विकास से कोई लेना-देना नही रहेगा.
वही बालासोत गांव निवासी राजेंद्र कुमार यादव बताते हैं कि कई लोग रात के अंधेरे में वोट खरीदने आ रहे हैं. ऐसे लोगों को हम लोग चिन्हित कर गांव से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैसे देकर जो प्रत्याशी वोट खरीदने आएंगे उन्हें गांव से बाहर खदेड़ दिया जाएगा क्योंकि ऐसे लोग जीतने के बाद क्षेत्र का विकास नहीं बल्कि विनाश करके रख लेंगे.
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उदय कुमार (ग्रामीण)
वहीं ग्रामीणों के इस फैसले की सराहना कई उम्मीदवार भी कर रहे हैं. बांके बाजार प्रखंड से जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव लड़ रहे सूबेदार कुमार यादव ने बताया, कि जो काम चुनाव आयोग को करना चाहिए था, वह काम इस गांव की जनता कर रही है. ग्रामीणों का फैसला स्वागत योग्य है. अगर इसी तरह सभी गांवों की जनता जागरूक हो जाये तो गांवों की तस्वीर बदल जाए.
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सूबेदार कुमार यादव (जिला परिषद उम्मीदवार)
प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट