गया: तृतीय त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत कई तरह की बातें सामने आ रही है. जैसे- जैसे जनप्रतिनिधि क्षेत्र में जनसंपर्क रहे हैं, वैसे-वैसे समस्याओं का अंबार नजर आ रहा है. गया जिले के डोभी प्रखंड में सातवें चरण के तहत मतदान मतदान होना है. इसे लेकर कई प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. इसी क्रम में गया जिले के डोभी प्रखंड के खरांटी पंचायत से मुखिया पद के लिए पिंकी रावत ने अपना नामांकन किया है. इस दौरान वे अपने क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रही हैं. जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों द्वारा कई तरह की समस्याओं को बताया जा रहा है. समस्याओं को सुनने के बाद वे उनके अविलंब निदान की बात भी कर रही है.
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इस संबंध में मुखिया प्रत्याशी पिंकी रावत ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई तरह की समस्याएं देखने को मिली. लोगों को नल, जल, गली, पेयजल व सड़क जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. अब तक जो जनप्रतिनिधि हुए वे इस क्षेत्र में कार्य नहीं किए. लाचार होकर हमने उक्त समस्याओं को दूर करने को लेकर मुखिया पद के लिए नामांकन किया है. अगर जनता हमें मौका देती है तो उक्त समस्याओं को दूर करने का प्रयास करूंगी.
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पिंकी रावत (प्रत्याशी)
वही मुखिया प्रत्याशी पिंकी राउत के पति बबलू कुमार बताते हैं कि डोभी- हंटरगंज मुख्य सड़क मार्ग से नवाडीह गांव की दूरी मात्र 8 किलोमीटर है. इस बीच 2 किलोमीटर सड़क कच्ची है. सड़क में गड्ढे बन गए हैं. बरसात में गड्ढों में पानी जमा हो जाता है. जिस कारण आने-जाने में काफी परेशानी होती है. 20 सालों से 2 किलोमीटर की सड़क नहीं बन पायी. लाचार होकर हमने अपनी पत्नी को जनप्रतिनिधि बनाने का फैसला लिया हैं. अगर जनता हमें मौका देती है तो उक्त सड़क का निर्माण हमारी प्राथमिकता होगी. इतना ही नहीं कबीर अंत्येष्टि के तहत मिलने वाली मात्र 3 हजार की राशि भी कई दलित समाज के लोगों को नहीं मिली. कफन से लेकर दफन तक के पैसों का बंदरबांट स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कर दिया. ऐसे में अगर हमें जनता मौका देती है, तो सड़क, बिजली व पेयजल की समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे.
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बबलू कुमार (मुखिया प्रत्याशी के पति)
वही नवाडीह गांव निवासी महिला ललिता देवी ने बताया कि 2 साल पहले उनके पिता की मौत हो गई थी, तब से कबीर अंत्येष्टि के तहत मिलने वाली राशि को लेकर लगातार नेता से लेकर सरकारी कार्यालय तक का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आज तक पैसा नहीं मिला. स्थानीय जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन देते हैं. कहते हैं कि अभी राशि नहीं आई है, बाद में देंगे. आखिर यह कैसी व्यवस्था है ? कब तक राशि आएगी और कब मिलेगी ? इसकी जानकारी लोग नहीं दे रहे हैं. अब पंचायत चुनाव में ऐसे लोग फिर वोट मांगने आ रहे हैं, ऐसे लोगों को हम लोग करारा जवाब देंगे, जिन लोगों ने कार्य नहीं किया उनको इस बार सबक सिखाएंगे. हम लोगों ने मन बनाया है कि जो लोग क्षेत्र का विकास करेंगे और सरकार की योजनाओं का लाभ हमें दिलाएंगे, उन्हें ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुनेंगे.
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ललिता देवी (स्थानीय ग्रामीण महिला)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
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