आदित्यपुर: नगर निगम की मेहरबानी कहें या भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा इसका जीता- जागता उदाहरण वार्ड 17 में निर्माणाधीन समय कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट सहारा सनराईज पॉइंट के लिए पास किया गया नक्शा है. इसके लिए 12×14 मल्टी स्टोरी बिल्डिंग निर्माण का नक्शा पास किया गया है. नियम के अनुसार यहां कम से कम 25 फीट की सड़क की अनिवार्यता होनी चाहिए, जबकि सनराइज पॉइंट जाने का रास्ता मात्र 16 फीट है.


*सरकारी भूमि को घेरकर बना दिया गेट*
समय कंस्ट्रक्शन द्वारा यहां बिल्डर सह समाजसेवी रविन्द्र सिन्हा की जमीन को हड़पने की नियत से सरकारी जमीन पर कब्जा कर घेराबंदी कर लिया गया है. यहां खाता संख्या 308, प्लॉट संख्या 1389 को घेर कर चहारदीवारी और गेट का निर्माण किया गया है. नगर निगम द्वारा किन परिस्थितियों में नक्शा पास किया गया यह जांच का विषय है. निगम क्षेत्र में ऐसे कई सोसायटी और मल्टीप्लेक्स हैं जिसमें खुल्लम- खुल्ला सरकारी मानकों का उल्लंघन किया गया है. दरअसल प्रशासक ने जब से निगम की कमान संभाला है शायद ही उन्होंने कभी क्षेत्र का भ्रमण किया है. वे एयरकंडीशनर कमरे में बैठकर सारे कार्यों को निपटाने का काम करते हैं. सनराईज पॉइंट के हर गैर कानूनी अनुमति में निगम की भूमिका कटघरे में है. इसमें जिले के डीसी एलआर और सनराईज पॉइंट के डेवलपर की भूमिका की जांच भी जरूरी है. फिलहाल हमारी नजर 20 जून को जिला दंडाधिकारी- सह- उपायुक्त की सुनवाई पर टिकी है. जहां देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में फैसला किसके पक्ष में आता है. उसके बाद पूरे प्रकरण का कच्चा चिट्ठा हम खोलेंगे. बताएंगे कैसे ब्यूरोक्रेसी में छिपे सरकारी “घून” नियम कानूनों को दीमक की तरह चाट रहे हैं. वैसे ग्राहक जो निर्माणाधीन सहारा सनराईज पॉइंट टाउनशिप में प्रोपर्टी बुकिंग कराने की सोच रहे हैं वे सावधानी बरतें क्योंकि कभी भी उक्त प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग सकता है क्योंकि उक्त भूखंड के खाता संख्या 90 के प्लॉट संख्या 1385 में 30 डिसमिल और प्लॉट संख्या 1386 में 25 डिसमिल यानी कुल 55 डिसमिल जमीन को लेकर उपजे विवाद बता रहे हैं. यह विवाद सहारा सनराईज डेवलपर और मशहूर बिल्डर सह समाजसेवी आरके सिन्हा के बीच का है. अगले अंक में क्रमशः….
