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कांड्रा: सरायकेला- खरसावां जिला के कांड्रा स्थित अमलगम स्टील पॉवर लिमिटेड कांड्रा विस्तारीकरण योजना पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. बीते दिनों कंपनी के अंदरखाने में सबकुछ ठीकठाक नहीं होता देख अमलगम स्टील पॉवर लिमिटेड के मानव संसाधन एवं कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक अमित रंजन सिन्हा द्वारा अचानक इस्तीफा देने से पूरे प्लांट के साथ विस्थापित समितियों में खलबली मच गयी है.
आपको बता दें कि लगातार कंपनी के भीतर आपसी खींचतान को लेकर कपनी के भीतर घमासान जारी था. बीते दिनों कंपनी द्वारा पालुबेड़ा स्थित प्रदूषण एवं विस्तारीकरण को लेकर जनसुनवाई में अपना- अपना पक्ष लेने को लेकर कंपनी के वरिष्ठ पदाधिकारियों में अपसी टकराव हुआ था. वहीं बलि का बकरा मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक अमित रंजन सिन्हा को बनना पड़ा. कंपनी द्वारा अपना तर्क देते हुए कहा गया, कि अपने निजी कारणों से अमित रंजन सिन्हा द्वारा इस्तीफा दिया गया, जबकि इन बिंदुओं पर सच्चाई नजर नहीं आती है. कामगारों द्वारा बताया गया, कि अमित रंजन सिन्हा द्वारा कंपनी हित के लिए कार्य किया जा रहा था. जो कंपनी के आला अधिकारियों को नागवार लगा. आनन- फानन में अमित रंजन सिन्हा को इस्तीफा दिलाया गया. इसको लेकर विस्थापित समिति और कामगारों द्वारा विरोध की लहर क्षेत्र में फैल चुकी है.
कंंपनी सूत्रों की अगर मानें तो आने वाले दिनों में कंपनी में कुछ अच्छा होनेवाला नहीं है. विस्थापित समिति द्वारा अचानक शुक्रवार देर शाम आपात बैठक बुलाई गई. जहां कंपनी के इस निर्णय का विरोध किया गया. विस्थापित समिति के पदाधिकारियों द्वारा सभी पहलुओं से कंपनी मैनेजमेंट को अवगत कराने के लिए समय लिया गया है. सुधीर चंद्र महतो ने बताया कि विस्थापितों को विश्वास में नहीं लेकर कंपनी द्वारा कहीं ना कहीं अपनी गलतियों पर पर्दा लगाने का काम किया गया है. जल्द ही कंपनी के मालिक से वार्ता कर सभी पहलुओं पर निष्पक्ष रुप से वार्ता किया जाएगा. अन्यथा जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस बैठक में मनोज महतो, विनय महतो, रामाकांत महतो, केशव चंद्र महतो, विजय महतो एवं अन्य कमेटी के सदस्य मौजूद रहे. कामगारों द्वारा फैसला लिया गया कि सभी बिंदुओं पर कंपनी अपना विचार गंभीरता पूर्वक ले, अन्यथा विस्तारीकरण योजना में स्थानीय एवं समिति का किसी प्रकार का सहयोग नहीं रहेगा. इसके पूर्व कंपनी के मानव संसाधन एवं कार्मिक के पदाधिकारी रहे संजय श्रीवास्तव का इसी तरह इस्तीफा लिया गया था. मोनोपोली के तहत आज कंपनी द्वारा अमित सिन्हा को बलि का बकरा बनाया गया.
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