RANCHI बीते शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण के बाद 10 लाख के हार्डकोर इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक को शनिवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया है. सूत्रों की अगर मानें तो जेल भेजे जाने से पूर्व महाराज ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसके बाद ईडी के कान खड़े हो गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार ईडी कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है. बताया जा रहा है कि महाराज की सल्तनत को संचालित करने में सरायकेला, आदित्यपुर और जमशेदपुर, चाईबासा, रांची और खूंटी के कई नामचीन हस्तियों द्वारा फंडिंग किया जा रहा था, जिसमें चौंकानेवाले नाम शामिल हैं. महाराज के खुलासे में 117 लोगों की सूची पुलिस ने तैयार की है, जिसमें बिल्डर, कारोबारी और राजनेताओं की लंबी फेहरिस्त शामिल हैं. नाम नहीं छापे जाने की सूरत में एक अधिकारी ने बताया कि महाराज मूल रूप से छः महीने पूर्व ही गिरफ्त में आ गया था, मारे जाने के डर से उसने पुलिस को कई बड़े राज बताने की पेशकश की थी, जिसके बाद राज्य पुलिस उसे सरकारी मेहमान बनाकर कई राज उगलवाने में सफल रही, जिसका परिणाम एक करोड़ के नक्सली नेता प्रशांत बोस उसकी नक्सली पत्नी शिला मरांडी सहित चार अन्य नक्सलियों की गिरफ्तारी के रूप में सामने आया. इसके अलावा कई और नक्सलियों के नाम और लेवी की जानकारी मिली है. जिसपर राज्य पुलिस और ईडी की कार्रवाई चल रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराज ने 117 लोगों के नाम का खुलासा किया है जो उसके साम्राज्य को संचालित करने में सहयोग करते थे. ये वो नाम हैं, जो लेवी देते थे, वसूलने से लेकर नक्सली पोस्टर चस्पाने, लोगों को नक्सली प्रशिक्षिक्षण कैम्प तक लाने, लेवी के पैसों को ठिकाने लगाने, कैम्प तक खाना पहुंचाने, मुखबिरी करने, उन्हेंशामिल हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम जो सामने आया है वो आजसू का एक बड़ा नेता है, जिसपर आरोप है, कि वह ठेकेदारी के पैसे पहुंचाता था और लेवी के पैसे रखता था. इसके अलावा आदित्यपुर एस टाइप के एक ठेकेदार पर ठेकेदारी का पैसा पहुंचाने, जमशेदपुर के दो ठेकेदारों पर लेवी का पैसा और सामान पहुंचाने, उरमाल के एक सफेदपोश पर मुखबिरी करने, शरण देने और लेवी पहुंचाने का आरोप लगाया है. वहीं खरसावां के एक बड़े ठेकेदार के नाम का भी जिक्र किया है जो बड़े राजनीति सरपरस्ती के जरिए क्षेत्र में ठेकेदारी संचालित करता है, उसपर भी ठेकेदारी के पैसे लेवी के रूप में पहुंचाने का जिक्र किया गया है.
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देखें सूची
फिलहाल ईडी सभी 117 लोगों की सूची के आधार पर कार्रवाई में जुट गई है. बता दें कि जेल भेजे जाने से पूर्व महाराज प्रमाणिक ने राजनीति में आने के संकेत दिए हैं. एक सवाल के जवाब में महाराज प्रमाणिक ने कहा था जल्द ही पूरे मामले से बरी होने के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में आऊंगा और जनता के बीच रहूंगा. महाराज ने कहा था, कि गुमराह होकर वह नक्सलवाद के रास्ते चला गया था. महाराज ने युवाओं से नक्सलवाद के रास्ते पर ना जाने की अपील की थी. उसने समाज से भटके युवाओं से मुख्यधारा में लौटने की अपील की है. गौरतलब है कि सरायकेला- खरसावां जिला के चौका थाना अंतर्गत दारूदा गांव निवासी महाराज प्रमाणिक, मोबाइल लूट की घटना के बाद अपराध के रास्ते पर चला गया था, और देखते ही देखते नक्सलवाद की दुनिया का चर्चित चेहरा बन चुका था. झारखंड पुलिस ने महाराज पर 10 लाख के इनाम घोषित कर रखे थे. उसने बीते शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण की थी.
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