अलीगढ़: सीएम ममता बनर्जी का सिर कलम करने पर 11 लाख रुपये इनाम देने का बयान देने वाले भाजपा नेता को गिरफ्तार करने पहुंची बंगाल पुलिस को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा. अलीगढ़ आई पुलिस टीम को शुक्रवार शाम लोगों ने कमरा बंद कर पिटाई की.
सूचना पर भाजपा सांसद-विधायक और समर्थक मौके पर पहुंच गए. सांसद-विधायक भी स्थानीय पुलिस की तरफ से पहुंचे सीओ से भिड़ गए. बाद में स्थानीय पुलिस बंगाल पुलिस टीम को समर्थकों से बचाते हुए थाने ले गई. घटना को लेकर भाजपा समर्थकों ने काफी देर तक हंगामा किया.
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वाष्र्णेय ने 2017 में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर कलम करने पर 11 लाख रुपये इनाम देने का बयान दिया था. मामले में योगेश के खिलाफ कोलकाता में तीन मुकदमे दर्ज किये गये थे. योगेश की गिरफ्तारी को टीम पूर्व में कई बार अलीगढ़ आ चुकी है. लेकिन योगेश एक बार भी पुलिस गिरफ्त में नहीं आया. शुक्रवार को फिर से: बंगाल पुलिस स्थानीय गांधीपार्क पुलिस को लेकर उनके घर पहुंची. जैसे ही टीम उसके घर पहुंची देखते ही देखते समर्थकों की भीड़ जमा हो गई. भारी भीड़ के बीच भाजपा समर्थकों ने बंगाल पुलिस टीम की कमरे में बंद कर जमकर धुनाई की. सूचना पर सांसद सतीश गौतम, कोल विधायक अनिल पाराशर और शहर विधायक संजीव राजा मौके पर पहुंच गए. बंगाल पुलिस का बचाव करते हुए गांधीपार्क पुलिस उनको अपने साथ थाने ले गई. घटना के बाद मौके पर सांसद व विधायक समर्थकों के साथ हंगामा करते रहे.
भाजपा समर्थकों को पुलिस से लेकर मीडिया तक किसी को घर में नहीं घुसने दिया. सभी को घर से बाहर रखा. हालांकि बाद में स्थानीय पुलिस मकान में घुसी थी. सांसद सतीश गौतम ने सीओ मोहसिन खान व इंस्पेक्टर गांधीपार्क वंशीधर पांडेय से सवाल-जवाब किया. कहा कि तुम्हारी अनुमति के बिना पुलिस टीम मकान तक कैसे पहुंच गई. बंगाल पुलिस व उनके साथ आई थाना गांधीपार्क पुलिस पर भाजपा नेता के परिजनों ने घर की महिलाओं के साथ छेड़खानी व अभद्रता करने का आरोप लगाया है. मामले में तहरीर दी जा रही है.
मामले में योगेश के खिलाफ कोलकाता में तीन मुकदमे दर्ज किये गये थे. योगेश के बयान से संसद तक में माहौल गरमा गया था. मामले में गांधीपार्क इलाके के गांधीनगर निवासी योगेश के खिलाफ तृणमूल कांग्र्रेस के निवर्तमान जिलाध्यक्ष रामफूल उपाध्याय ने सिविल लाइंस थाने में धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद योगेश ने बयान वापस लेते हुए खेद व्यक्त कर कहा था कि आवेश में इनाम की घोषणा की थी. योगेश के खिलाफ वीरभूमि जिले के बोलपुर थाने में तपस मंडल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. दो और मामले भी दर्ज हुए हैं. इसकी जांच सीआईडी को सौंपी गई थी. योगेश की गिरफ्तारी को टीम पूर्व में कई बार अलीगढ़ आ चुकी है. सीओ द्वितीय मोहसिन खान का कहना है कि बंगाल की टीम अलीगढ़ में एक प्रकरण में दबिश देने के लिए आई थी. टीम सादे कपड़ों में आरोपी के मकान पर पहुंची थी. वहां पर स्थानीय लोगों के साथ पुलिस टीम की अनबन हुई. सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंचा और बंगाल पुलिस की टीम को वहां से सकुशल थाने पहुंचाया. मामले की तस्दीक की जा रही है.
भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉक्टर विवेक सारस्वत का कहना है बंगाल की पुलिस यहां आई, थाने से कोई आमद नहीं हुई. चौकी से दरोगा लेकर कार्यकर्ता के घर पहुंच गए. कार्यकर्ता की मां व अन्य परिजनों के साथ बदतमीजी की. क्षेत्रीय पार्षद अलका गुप्ता भी पहुंची, उन्होंने बताया कि बंगाल पुलिस ने परिजनों से धक्का-मुक्की की. अब इन लोगों के खिलाफ एफआईआर व स्थानीय दारोगा संदीप वर्मा पर कार्यवाही होनी चाहिए.
जीभ काटकर ले जाने की दी थी धमकी
बयानबाजी के बाद मुकदमा पंजीकृत होते ही योगेश वाष्र्णेय को गिरफ्तार करने के लिए बंगाल पुलिस उसको गिरफ्तार करने आई थी. योगेश को जब पुलिस के आने की जानकारी मिली तो उसने उस समय भी धमकी दी थी कि वह अपने घर पर हैं, पुलिस आए और जीभ काटकर ले जाए. पूर्व विधायक जमीरुल्लाह पर भी हुआ था मुकदमा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बयानबाजी के बाद पूर्व विधायक जमीरउल्ला खां ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिर पर 11 लाख का इनाम रखने की बात करने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वाष्र्णेय की जुबान काट लेनी चाहिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की धर्म जागरण प्रचार समिति के महानगर संयोजक रहे महावीर गंज के छतरी वाला कुआं निवासी ब्रजेश कंटक ने पूर्व विधायक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करायी थी. जिसमें कहा था कि जमीरउल्लाह ने ऐसा बयान देकर दंगा भड़काने की कोशिश की है. थाना देहलीगेट में पूर्व विधायक के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने व धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी.