गिरिडीह: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी इन दिनों सत्ताधारी दल के खिलाफ खूब बरस रहे हैं. गिरिडीह के पीरटांड़ प्रखंड में आयोजित आक्रोश रैली में श्री मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा और कहा जो परिवार सिर्फ पैसे के लिए राजनीति करता है, जो परिवार पैसे के लिए पार्टी बनाती है, वैसे राजनीतिक पार्टियों को झारखंड से हटाना है. तभी जाकर झारखंड एक विकसित राज्य बन सकता है.
आज झारखण्ड में जिन दलों का शासन है, वे तीनों ही दल एक पारिवारिक पार्टी है, इसलिए आज झारखंड के कोने- कोने में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. श्री मरांडी ने कहा कि आज राज्य में सरकार के संरक्षण में कोयला, बालू, पत्थर सहित अन्य खनिज पदार्थो की लूट मची हुई है. राज्य का बालू, कोयला, पत्थर अवैध खनन करके बाहर के राज्यो में भेजा जा रहा है.
मै कई बार पत्र लिखकर, सोशल मीडिया के माध्यम से तथा प्रेस के माध्यम से आगाह करता रहा, लेकिन कभी मेरी बातों में विश्वास नही किया. अगर वे विश्वास कर लेते तो आज उनके साथ ये घटनाएं घटित नही होती. आज जब केंद्रीय जांच एजेंसी भ्रष्टाचार की जांच कर रही है, तो उन्हें परेशानी हो रही है. दोष देते है, कि भाजपा मेरे पीछे पड़ी है. आज हेमंत सोरेन जी के साथ जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए पूरी तरह से हेमंत सोरेन स्वयं जिम्मेदार है.
भाजपा की सरकार बनते ही प्रखंड के अधिकारी प्रमाण पत्र घर जाकर बनाएंगे
श्री मरांडी ने प्रखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि आज प्रखंड कार्यालयों में बिना पैसे के कोई भी काम नही होता है. जन्म प्रमाण पत्र हो या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना, हर चीज का रेट फिक्स है. जिस दिन राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी उस दिन से प्रखंड के अधिकारी आपके घर जाकर आपके जरूरत का प्रमाण पत्र बनाकर आएंगे. लोगों को ब्लॉक का चक्कर नही लगाना पड़ेगा.
भाजपा की देन है अलग झारखण्ड राज्य श्री मरांडी ने कहा कि झामुमो कहती है कि हमने लड़कर झारखंड अलग राज्य बनाया है, लेकिन सच यह है कि इन लोगों ने झारखण्ड आंदोलन को बेचने का काम किया है. लेकिन जैसे ही केंद्र में भाजपा की सरकार बनी, अटल बिहारी बाजपेयी जी ने झारखंड के लोगों के सपने को पूरा करने का निर्णय लिया और 15 नवम्बर 2000 को धरती आबा बिरसा मुंडा जी की जयंती को यादगार बनाने हेतु उसी दिन अलग राज्य की घोषणा की. जब भाजपा की सरकार मेरे नेतृत्व में झारखंड में बनी मैंने खतियान के आधार पर नियुक्तियों में प्राथमिकता मिले इसका प्रावधान किया, लेकिन हाईकोर्ट में यह मामला चला गया, और उस नीति को ही खारिज कर दी गयी. आज हेमंत सोरेन भी 1932 की बात कर रहे है, लेकिन आदलत ने किन कारणों से मेरे समय की स्थानीय नीति को खारिज किया था उन बिंदुओं का समाधान किये बिना ही उसे लागू करने की बात कह रहे है जो सम्भव नही है. वास्तव में राज्य की सरकार 1932 लागू करना ही नही चाहती है सिर्फ लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.
पिछले तीन साल से राज्य में विकास का काम ठप्प है
श्री मरांडी ने राज्य सरकार पर विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज राज्य में हेमन्त सोरेन की सरकार 2019 से है, लेकिन इन तीन साल से विकास का काम ठप्प है. राज्य को केंद्र सरकार की जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं मिलती है राज्य सरकार उसपर लापरवाही बरतती है. श्री मरांडी ने आक्रोश प्रदर्शन में शामिल जनता से आह्वान करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन को हटाना है और झारखंड को बचाना है. अतः आप सब यहां से यह संकल्प लेकर अपने- अपने घरों को जाएं.
Reporter for Industrial Area Adityapur