औरंगाबाद (Dinanath Mauar) जिले में ऐतिहासिक शिक्षक आंदोलन के 17 वीं वर्षगांठ को लेकर आज संकल्प सभा का आयोजन किया गया. जहां शिक्षकों ने 24 दिसम्बर 2005 के संघर्ष को संकल्प दिवस के रूप याद किया.
बता दें कि बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू के आह्वान पर औरंगाबाद के संघ भवन में 24 दिसंबर 2005 के ऐतिहासिक शिक्षक आंदोलन की 17 वीं वर्षगांठ एवं संकल्प सभा आयोजित कर संकल्प दिवस के रूप मे मनाया गया. वहीं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने किया.
कार्यक्रम का उद्घाटन संघ के प्रदेश सचिव धनंजय सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने अपने संबोधन में 2005 में बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों के ऊपर की गई बर्बरता को याद किया और शिक्षकों को संकल्पित होने की बात कही. वहीं जिला अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह तथा जिला मीडिया प्रभारी अशोक पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों ने संघर्ष कर विभिन्न समस्याओं से निजात पाया है. आज भी हम सबो को उस संघर्ष को जिन्दा करना होगा तभी हम अपने बहुमूल्य मांगो को सरकार से मनवा पाएंगे. उन्होंने बताया कि हम सबो की कई ज्वलंत मांगे है जो अभी भी लंबित है उसे हम बिहार सरकार से तभी ले पाएंगे जब हम सब शिक्षक एकजुट होकर ठोस आंदोलन करेंगे. उन्हों ने यह भी कहा कि जिस तरह 24 दिसंबर 2005 को सूबे के लाखों शिक्षकों ने बिहार सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति के विरुद्ध राजधानी पटना पहुंचकर जोरदार आंदोलन किया था. जहां बिहार सरकार ने आंदोलन को चकनाचूर करने हेतु पुलिसिया जुल्म भी किये थे, लेकिन शिक्षको ने अपनी हकों की आवाज को बंद नहीं होने दिया बल्कि और भी बुलंद करते रहे. जिससे बाध्य होकर सरकार को कई बहुमूल्य सुविधाएं देनी पड़ी थी. यही वजह है कि आज भी हम 24 दिसंबर 2005 के आंदोलन को हर साल वर्षगांठ के रूप मे मनाते है.
आज संघर्ष दिवस मनाते हुए शिक्षको ने राज्यकर्मी का दर्जा देने, पुरानी पेंशन तथा समान काम समान वेतन जैसे कई बहुमूल्य मांगों की पूर्ति हेतु संघर्षरत रहने का संकल्प लिया. इस कार्यक्रम मे जिला के सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे.