औरंगाबाद (Dinanath Mouar) प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने पोस्टरबाजी की है. पोस्टर के माध्यम से माओवादियों ने पूर्व विधायक की हत्या करने का ऐलान किया है, जबकि सांसद को क्षेत्र में नहर नहीं लाने पर विरोध की धमकी दी है.
पोस्टर में पूर्व विधायक और उनके पार्टी (जदयू) कार्यालय को उड़ाने की भी धमकी दी गयी है. यह पोस्टरबाजी औरंगाबाद के गोह और बंदेया थाना क्षेत्र के कई गांवों में की गई है. गोह थाना के पेमा व डिहुरी तथा बंदेया थाना के महरी एवं जैतिया गांव के ग्रामीणों ने पोस्टर देखे जाने की पुष्टि की है. पोस्टर हस्तलिखित है, जो काले और ब्लू कलर में बॉल प्वाइंट पेन से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के लेटरपैड पर लिखा गया है.
ब्लू कलर में लिखे पोस्टर के पहले पारा में कहा गया है कि सांसद सुशील सिंह जब तक अपने क्षेत्र में नहर नहीं लाएंगे, तबतक क्षेत्र में घूमने पर मार्क्सवादी (एमसीसी) कम्युनिस्ट पार्टी आपको प्रतिबंधित करती है. यदि आप आदेश नहीं मानेंगे तो माओवादी का विरोध झेलना पड़ेगा. पोस्टर के दूसरे पाराग्राफ में गोह के पूर्व विधायक रणविजय सिंह को हत्या की धमकी दी गई है. पोस्टर में कहा गया है कि पूर्व विधायक गोह रणविजय सिंह आपका वही हाल किया जाएगा जो पिसाय सुशील पांडेय का किया गया, जिसका शव आज भी गरीब किसान के खेत का उपज बढ़ा रहा है. पोस्टर में आगे कहा गया है कि गोह चौक पर आप सामंतवादी सोच और रंगदारीपूर्वक जो बैठते है, वहीं तुम्हारे पार्टी कार्यालय एवं तुमको उड़ा दिया जाएगा. अपना सोच बदलो. मार्क्सवाद कभी खत्म नही होते. हमारे सभी कामरेड जो जेल में बंद या बाहर है, सभी तुम्हारे हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है. कभी भी तुम्हारा विचारधारा बदला जा सकता है. पोस्टर के नीचे अंत में लाल सलाम अंकित है.
देखें पोस्टर
पुलिस को नही मिले पोस्टर
इस बारे में पूछे जाने पर गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने पोस्टरबाजी की पुष्टि करते हुए कहा कि पूर्व विधायक तथा पेमा एवं डिहुरी गांव के लोगों से पोस्टरबाजी की सूचना मिली लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने के पहले ही वहां से पोस्टर उखाड़ लिया गया था. उन्हें पोस्टर हाथ नही लगा है. वही बंदेया के प्रभारी थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने भी पोस्टर चिपकाने की पुष्टि की, लेकिन कहा कि घटनास्थल पर जब पुलिस पहुंची तो वहां पोस्टर नही था. सिर्फ निशान थे, जिससे लग रहा था कि यहां कोई पोस्टर चिपकाया गया था, जिसे उखाड़ दिया गया है.
*पूर्व विधायक ने कहा चुनौती कुबूल, 42 साल से लड़ रहा हूं, फिर लड़ूंगा*
पोस्टरबाजी की घटना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार ने कहा कि नक्सली मृतप्राय हो चुके है. सरकार के विकास, सीआरपीएफ और कोबरा के प्रहार से इनकी कहानी खत्म हो चुकी है. इनकी साख समाप्त हो चुकी है. ये जनता में पुनः साख स्थापित करने के लिए इस तरह की हरकत करते है, लेकिन इनकी साख अप स्थापित नही होनेवाली है. ये माओत्से के सिद्धांत से भटक गये है. माओत्से ने कही भी रंगदारी, लूट, अवैध वसूली करने की बात नही की है. रही बात इनकी धमकी की, तो इन गुंडों को मैं जवाब देना जानता हूं. 42 साल से इनसे लड़ाई लड़ रहा हूं. इनकी चुनौती कबूल है. जैसे पहले लड़ा हूं, वैसे फिर लड़ूंगा. उन्होने सुरक्षा बढ़ाने की बात पर कहा कि सरकार ने उन्हे वाई श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है. इतने में ही उनसे लड़ लूंगा.
सांसद ने कहा मेरी जान ले लेने से नहर आ जाती है तो जान देने को तैयार
वही सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि उन्हे जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ नक्सली पोस्टरबाजी हुई है. पोस्टर में नहर नहीं लाने पर नतीजा भुगतने यानी हत्या की धमकी दी गई है. मैं तो जनता की सेवा के प्रति संकल्पित हूं. जनता की सेवा में मेरी जान लेने से नहर आ जाती है तो मैं अपनी जान देने को भी तैयार हूं. मैं तो 24 घंटे अपनी जान हथेली पर लेकर ही चलता हूं.