औरंगाबाद/ Dinanath Mouar जिले में चल रहे डीएवी पब्लिक स्कूल के फर्जी नर्सरी ब्रांच को संरक्षण देने के आरोप में यहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) संग्राम सिंह के खिलाफ दो- दो प्राथमिकी दर्ज है. दोनों ही प्राथमिकी 23 फरवरी को औरंगाबाद नगर थाने में दर्ज की गई है.
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद डीईओ कानून की नजरों में भले ही फरार है लेकिन वे पूरे शान स़े न केवल शहर से लेकर पूरे जिले में घूम रहे है, बल्कि अपने कार्यालय में ड्यूटी भी कर रहे है. मामले में डीईओ ने प्राथमिकी के चार माह बाद भी अभी तक जमानत नही ली है. यदि इसी तरह का मामला किसी सामान्य आदमी पर दर्ज होता तो पुलिस उसे पकड़कर सींखचों के पीछे धकेल देती, लेकिन पुलिस इस मामले में अबतक कुछ भी करने से परहेज कर रही है.
प्राथमिकी के सूचक शेखर सिन्हा ने बताया कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उन्होने औरंगाबाद शहर में डीएवी पब्लिक स्कूल का फर्जी नर्सरी ब्रांच चलाये जाने की जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हे यह जानकारी नही दी गई. जानकारी नही दिए जाने उन्होने इसे लेकर औरंगाबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में नालिसी मुकदमा दायर किया था. नालिसी मुकदमे के आलोक में कोर्ट के आदेश पर डीइओ के खिलाफ औरंगाबाद नगर थाना में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पहली प्राथमिकी कांड संख्या-144/23 भादवि की धारा 420/500, 75 जुबिनाइल जस्टिस एक्ट एवं 16/17 आरटीई एक्ट के तहत दर्ज की गई है. वही दूसरी प्राथमिकी कांड संख्या-145/23 भादवि की धारा 166, 166 ए, 167 व 180 के तहत दर्ज की गई है. दोनों प्राथमिकियों में शहर में डीएवी पब्लिक स्कूल का फर्जी नर्सरी ब्रांच चलाए जाने को संरक्षण देने का आरोप में है. इन्ही दोनों मामलों में कानून की नजर में डीईओ फरार है. दोनों ही मामले में उन्हे अभी कोर्ट से जमानत नही मिला है. मामले में पूछे जाने पर नगर थानाध्यक्ष सतीश बिहारी शरण ने कहा कि मामला हाई प्रोफाइल है. इस कारण मामला अभी यथावत है. पुलिस के बड़े अधिकारी ही मामले में कुछ बोल सकते हैं. इस मामले में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात करने के लिए सरकारी नंबर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नही उठाया.