औरंगाबाद/ Dinanath Mouar जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद एवं अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में किया गया. इस राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक राज, जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री, पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सुकुल राम द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया. इस उद्घाटन समारोह में काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण बैंक, बीमा के पदाधिकारीगण अन्य विभागों के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन उप मुख्य विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली अभिनंदन कुमार ने किया.
जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि आज का दिन न्यायिक कार्य में बेहद ही महत्वपूर्ण है. आज के दिन सभी तरह के सुलहनीय विवादों को समाप्त करने का दिन है इसलिए जिला पदाधिकारी होने के नाते मैं सभी से अपील करूंगा कि इस मौके का अधिक से अधिक लाभ उठायें.
वहीं पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने कहा कि लोक अदालत का अर्थ ही होता है जनता की अदालत और इसमें कई प्रकार के पुराने मामले को आपसी सौहाद्रपूर्ण वातावरण में निस्तारित किया जाता है. लोगों को इसमें बढ़- चढ़कर भाग लेना चाहिए.
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक राज ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किये जाने वाले सभी गतिविधियों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन महत्वपूर्ण स्थान रखता है. राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्यायालय में मनाया जाने वाला एक पर्व का अवसर होता है. जहां एक भाईचारे की भावनाएं पुनः पक्षकारो के बीच स्थापित हो इसका प्रयास किया जाता है. जिला जज ने अपने सम्बोधन में अपने कार्यकाल के मार्च महीने में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत की चर्चा करते हुए कहा कि इस जिला के लिए सर्वाधिक निस्तारण वाला राष्ट्रीय लोक अदालत रहा है. जिला जज द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि वर्षो पुराने विवाद को आज के दिन दर किनार करने की जरूरत है. इस अवसर पर लोगो से यह अपील करेंगें कि अपने पुराने विवादो को भूलाकर कल के दिन एक नई सुबह का आगाज करें एवं भाईचारे के साथ जीवन की नई अनुभूति को अनुभव करें. उन्होंने विवाद मुक्त समाज का निर्माण करने हेतु इसे बड़ा कदम बताया.
राष्ट्रीय लोक अदालत में 1702 वादों के निष्पादन के साथ कुल 05 करोड़ का समझौता कराया गया
शनिवार को संपन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित वादों के कुल 04 वाद में 37. 40 लाख रूपये का समझौता कराया गया. इसके साथ- साथ आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 284 वाद, एनआईएक्ट के 05 मामलों में समझौता कराया गया. इसके साथ- साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 838 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 568 मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 04 करोड़ 81 लाख रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया. इस तरह कुल 1702 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 05 करोड़ रूपये का समझौता कराया गया.