औरंगाबाद/ Dinanath Mouar जिले के कासमा थाना क्षेत्र के नराईंच गांव में कब्रिस्तान की जमीन में रास्ते को लेकर हुए होली से पूर्व दो पक्षों के बीच हुए हिंसक झड़प को नियंत्रित करने में ग्रामीणों के साथ- साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. मामले में कासमा थाना पुलिस ने 59 नामजद एवं 50- 60 अज्ञात लोगों अभियुक्त बनाया है. पुलिस द्वारा इस मामले में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश महासचिव प्रमोद सिंह को भी साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया गया था.
श्री सिंह के नाम को बेवजह इस मामले में घसीटने पर लोजपा (रामविलास) महिला विंग की नेत्री नीतू सिंह एवं जिलाध्यक्ष रंजू सिंह के नेतृत्व में पुलिस- प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आर- पार के लड़ाई के मूड में दिख रही हैं. इस मामले को लेकर महिला नेत्रियों ने रविवार को सत्येंद्र नगर स्थित कार्यालय में प्रेसवार्ता कर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
महिला नेत्रियों ने बताया कि पुलिस द्वारा प्राथमिकी में श्री सिंह के नाम को शामिल करते हुए जो कारण बताया गया है वह बिल्कुल बेबुनियाद है और कासमा पुलिस तथा प्राथमिकी दर्ज करने वाले अधिकारी की सोच एवं उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है. महिला नेत्रियों ने बताया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में तीन नेताओं के इशारे पर पुलिस ने प्रमोद सिंह का नाम प्राथमिकी में डाला है. जबकि श्री सिंह घटना के वक्त बिहार में ही नहीं थे और जानकारी मिलने पर उनके द्वारा लोगों को समझाया गया. लेकिन पुलिस राजनीतिक हस्तियों के इशारे पर उन्हे बदनाम करने की कोशिश कर रही है. महिला नेत्रियों ने प्रेसवार्ता के दौरान औरंगाबाद एसपी से उनके नाम को प्राथमिकी से हटाने की मांग की है और कहा कि यदि पुलिस किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्रवाई करती है तो महिला विंग सड़क पर उतर कर अपनी मांगों के समर्थन में देव मोड़ से औरंगाबाद तक एनएच को जाम कर देंगी.