औरंगाबाद/ Dinanath Mouar बिहार सरकार के पूर्व मंत्री प्रेम कुमार चंद्रवंशी ने औरंगाबाद अतिथि गृह में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि आज बिहार सरकार की लॉ एंड आर्डर पूरी तरह से फेल हो गया है. नीतीश कुमार जिस दिन से हमसे हटकर और राजद के साथ मिलकर जो जंगल राज सरकार का स्थापना किया है आज उसकी आतंक चरम सीमा पर है.
उन्होंने यह भी बताया कि 1 साल के अंदर 3041 राज्य में हत्याएं हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि करीब नौ सौ लोगों की हत्या करने की कोशिश की गई. वहीं बलात्कार, चोरी- डैकती का भी ग्राफ बहुत तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है, जिसके कारण आज बिहार में कोई भी पूंजीपति निवेश करना नही चाह रहा है. आज बिहार के आम आवाम अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे है.
उन्होंने यह भी बताया है कि जिस तरह से सरकार शिक्षकों तथा किसान सलाहकारों के साथ व्यवहार किया है वह कहीं से उचित नही था. उन्होंने 13 जुलाई का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह बिहार सरकार द्वारा भाजपा के सांसद और विधायकों को पटना के रोड पर दौड़ा- दौड़ा कर पीटा गया जिसमे एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई थी, इससे साफ जाहिर होता है कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नही रह गया है. इस परिस्थिति में सरकार को अपने पद पर बने रहने का कोई औचित्य नही है, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्हों यह भी कहा है कि पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाई जा रही है जिसे हमलोग 13 अगस्त को राज्यपाल को सौंपेगे और बिहार के जनता के अधिकार के लिए भाजपा पार्टी सड़क से सदन तक आवाज उठायेगी और ऐसे सरकार को उखाड़ फेंकने की काम करेगे.
उन्होंने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव के दौरान डिप्टी सीएम द्वारा किए गए वादे का क्या हुआ जिसमें उन्होंने सरकार बनते ही 10 लाख लोगो को नौकरी देने की बात कही थी. अब तो सरकार बने भी साल भर गुजर गए. क्या डिप्टी सीएम दे दिए लोगों की नौकरी ? अगर एक भी लोग को नौकरी दिए होते तो आज कहने की बात होती है जो बहाली हुई है वह हम लोग की सरकार द्वार निकली गई बहाली थी.
वहीं मीडिया द्वारा जब यह पूछा गया कि मणिपुर में तो आपकी सरकार है जहाँ की महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो क्या ऐसे सरकार को बने रहना उचित है ? मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि मणिपुर की घटना बिहार की घटना से भिन्न है. वहां भी जो हुआ है उसका भी हम निंदा करते हैं, लेकिन मणिपुर में बहुत जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी. क्योकि गृह मंत्री तथा प्रधानमंत्री अपने स्तर से उस समस्या को देख रहे हैं. वहां भी बहुत जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा और शांति बहाल हो जाएगी.