औरंगाबाद (Dinanath Mauar) जिले में इन दिनों झारखंड के जंगलों से भटककर जंगल तटीय मैदानी इलाकें में आ गये हाथियों के दल के उपद्रव से आवाम से लेकर वन विभाग तक के हाथ पांव फूले हुए है.पिछ्ले सात दिनों से हाथियों ने आतंक मचा रखा है.
हाथियों के झुंड ने उपद्रव की शुरूआत शनिवार की रात मदनपुर के सुदूरवर्ती पिछुलियां में गन्ना की फसलों को रौंदा. इसके बाद हाथियों के झुंड ने सहयारी में भी उपद्रव मचाया. जहां तीन लोग घायल हो गये थे. इसके बाद वन विभाग की टीम के प्रयास से हाथियों का झुंड झारखंड की ओर क़ानीडीह पहाड़ के इलाके में जा पहुंचा. इस दौरान वन विभाग की टीम द्वारा मना करने के बावजूद ग्रामीणों का हुजूम हाथियों को देखने के लिए कानीडीह में उमड़ पड़ा.
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भीड़ की हुल्लड़बाजी के शोर से ट्रैक पर झारखंड की ओर जा रहा हाथियों का झुंड ट्रैक से भटक गया और एकदम से मैदानी इलाके में मुफ्फसिल थाना के अमरबिगहा की ओर चला आया. यहां भी हाथियों का झुंड फसलों को रौंदता हुआ माली होते बरियावां तक जा पहुंचा. इसके बाद वन विभाग की टीम ने हाथियों को सोन नदी के रास्ते जंगलों की ओर खदेड़ने की योजना बनाई. योजना पर अमल के दौरान वन विभाग ने लोगों को अलर्ट भी किया. साफ तौर से कहा कि हाथियों का झुंड दिखने पर उसे छेड़े नही बल्कि उसे जाने दे लेकिन ठेंगों पहुंचने पर लोग हाथी के रास्ते में बाधा बनने से बाज नही आये. यही वजह रही कि गुरूवार की सुबह हाथियों ने सुड़ से उठाकर तीन लोगों को फेंक दिया, जिससे वें गंभीर रूप से घायल हो गये. हाथियों के चपेट में आकर अबतक आधा दर्जन लोग घायल हो गये है. शक्रवार को भी हाथियों का कोपभाजन बनने से दर्जनभर लोग बाल- बाल बचे.
हुआ यह कि हाथियों का दल अपने बाल बच्चों समेत ठेंगों से नबीनगर के सोनवर्षा खैरा पहुंच गया था. वन विभाग की मनाही के बावजूद यहां के लोग हाथियों के झुंड की गतिविधि का वीडियो बना रहे थे. हाथियों ने उन्हे देख लिया और दौड़ा दिया. लोग सिर पर पांव रख कर भाग निकले. तब जाकर वे हाथियों के चपेट में आने से बचे. उनकी जान में जान आई और वें बाल बाल बचे. गौरतलब है कि झारखंड के जंगल से भटक कर आ औरंगाबाद जिले में आ गये हाथियों के झुंड ने पिछले सात दिनों से किसानों एवं ग्रामीणों को परेशान कर रखा है. हाथियों के उत्पात से किसान दहशत में है.
जिला वन पदाधिकारी (डीएफओ) तेजस जायसवाल ने बताया कि पिछले सात दिनों से भटक रहे हाथियों के झुंड को नियंत्रित करने में वन विभाग की टीम लगी हुई है. उन्हें सोन नद के रास्ते में जंगल के रास्ते भगाने का प्रयास किया जा रहा है. कहा कि इलाके के लोगो से अपील है कि रात के समय बाहर न निकले. घरों के आगे मशाल जलाकर रखें ताकि हाथी का झुंड खेत से होकर गांव में प्रवेश न कर सके. कभी भी शौच करने के लिए अकेले अंधेरे में न निकले.
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