औरंगाबाद / Dinanath Mouar, वन प्रमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पर्यावरण समिति की बैठक हुई. बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी ने पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए एकल उपयोग प्लास्टिक जैसे थर्माकोल से बने सामग्री प्लेट, गिलास एवं कप, पीईटी बॉटल, मिनरल वाटर बॉटल, कैंडल में लगे स्टिक, प्लास्टिक थैला, निमंत्रण कार्ड एवं गुलदस्ता इत्यादि सामग्री पर सख्त प्रतिबंध लगाने का दिशा निर्देश दिया है. साथ ही कागज से बने सामग्री अथवा कांच से बने बॉटल आदि का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है. बैठक में पर्यावरण विभाग द्वारा इस संबंध में दी गई गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
बैठक में सिविल सर्जन को सदर अस्पताल एवं अन्य सरकारी अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किए जा रहे उपायों से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. बीआरबीसीएल, एनपीजीसीएल, श्री सीमेंट के प्रतिनिधियों को पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए प्रदूषण कम करने के क्षेत्र में किए जा रहे कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
परिवहन से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए हेवी ट्रैफिक वाले चौराहों पर लगातार छापेमारी कर अर्थदंड लगाने की कार्रवाई करने का निर्देश जिला परिवहन पदाधिकारी को दिया गया. साथ ही पुरानी गाड़ी का स्क्रैप किस प्रकार से किया जा रहा है उसकी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया. खनिज विकास पदाधिकारी, विकास कुमार को वायु प्रदूषण करने वाले ईट–भट्ठा की जांच करने की बात कही गई. कृषि क्षेत्र में पराली जलाने पर प्रतिबंध के संबंध में बताया गया कि खेत में पराली जलाने पर मिट्टी की उर्वरक क्षमता में कमी आती है. इस पर जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसान को पराली जलाते पकड़े जाने पर उन्हें सरकार से मिलने वाले लाभ से वंचित रखा जाएगा.
बैठक में उप विकास आयुक्त अभयेंद्र मोहन सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी तेजस जायसवाल, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद, जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास, नगर कार्यपालक पदाधिकारी औरंगाबाद, वरीय उप समाहर्ता कृष्णा कुमार, जिला सामान्य शाखा प्रभारी अलोक कुमार एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.