औरंगाबाद/ Dinanath Mouar जिला व्यवहार न्यायालय के एडिजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने ओबरा थाना कांड संख्या 149/11 मामले में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
एपीपी शिवपूजन प्रजापति ने बताया कि मृतका गुड़िया देवी के हत्या के अपराध में ससुर जयराम पांडे, सास कांति देवी एवं ननद निपु देवी खराटी ओबरा, को भादंवि धारा 302/ 34 में
आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, और पच्चीस हजार रुपए जुर्माना लगाया है. जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी. इस सज़ा में पूर्व में जेल में बिताए अवधि बाद की जाएगी.
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी मृतका के पिता सुखनंदन शर्मा अंगराही दाउदनगर ने 16/09/11 को दर्ज कराई थी. जिसमें कहा था, कि गुड़िया और अभय की शादी 2003 में हुई थी. वर्णित अभियुक्तों सहित मृतका के पति अभय पांडे ने दहेज में कार न मिलने पर षड्यंत्र कर मेरी बेटी की हत्या कर दी है. घटना के पूर्व में भी कार के लिए मारपीट करने और रिश्ता तोड़ने की धमकी मिलता था. पति अभय पांडे की इस घटना की कुछ साल बाद मृत्यु हो चुकी है. प्राथमिकी में कहा गया था कि मृतका का पांच साल का लड़का था. जज साहब ने आज बिहार सरकार को आदेश दिया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से पीड़ित बच्चे को प्रतिकर दिलाई जाए. घटना के 12 साल बाद आज सज़ा सुनाए जाने के पश्चात मृतका की सास व ननद चिल्ला- चिल्ला रोने लगी.
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