औरंगाबाद (Dinanath Mouar) व्यवहार न्यायालय में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शोभित शौरभ ने परिवाद संख्या 693/19, विचारण संख्या -187/24 के निर्णय पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त चन्दन कुमार शास्त्री विच्छवे किउल लखीसराय को भादंवि धारा 323, 341, 504, और 506 में छः माह की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हज़ार रुपए मुआवजा अभियुक्त द्वारा परिवादी को देने का आदेश दिया है.

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि परिवाद दायर के समय अभियुक्त प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी थे, जो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निर्दोष धान चावल क्रय विक्रय करने वाले व्यवसायी को कालाबाजारी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के झूठे केस में फंसाया था. परिवादी रवि कुमार का बालाजी ट्रेंड्स फ़ार्म था. धान चावल क्रय विक्रय का लाइसेंस था, लेकिन प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा 477 बोरी चावल पकड़ कर जप्त कर लिया गया था और ड्राइवर तथा परिवादी के साथ गाली- गलौज और मारपीट किया था. साथ ही ट्रक और माल सड़ा देने की धमकी भी दी थी. सुनवाई के दौरान न्यायालय में परिवादी ने अपने उपर लगे आरोप के बचाव में कोई भी मौखिक या लिखित दस्तावेज के रूप में साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका, जिसके उपरांत औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय ने अभियुक्त के कृत्य को पूर्वाग्रह से ग्रसित तथा पद और प्रतिष्ठा का नाजायज़ इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उन्हें 6 महीने की सजा तथा 25000 रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं न्यायालय ने कहा कि सरकारी सेवक का आमजन के साथ ऐसा कृत्य करना अशोभनीय है इस लिए परिवीक्षा का लाभ नहीं दी जा सकती.
