औरंगाबाद / Dinanath Mouar, औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में एडीजे सात सुनील कुमार सिंह की अदालत ने खुदवा थाना कांड संख्या 37/19 में बुधवार को सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन अभियुक्त विनोद राम कलेन खुदवा को सज़ा सुनाई है. एपीपी इरशाद आलम ने बताया कि भादवि धारा 302 में अभियुक्त को आजीवन कारावास तथा 25 हजार जुर्माना लगाया है. जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगा. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अदालत ने अभियुक्त को पिछले 11 अगस्त को अपने पिता ठाकुर जी की हत्या के आरोप में दोषी करार दिया था.
उसकी पत्नी शिला देवी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था. शिला देवी 01 नवंबर 21 को इस वाद में महिला अधिवक्ता उषा पाठक ने बेल कराई थी. आज सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने प्रथम अपराध और अपराधिक इतिहास न होने के कारण कम से कम सज़ा की मांग की. वहीं अपर लोक अभियोजक ने पिता-पुत्र के रिश्ते की हत्या के कारण अधिकतम सज़ा की मांग की.
मालूम हो कि अभियुक्त ने अपने छोटे भाई सिनोद राम के साथ ओबरा में रह रहे पिता की चाकू गोद कर हत्या खुदवा में 21 जुलाई 19 को कर दी थी, जिसका प्राथमिकी अभियुक्त के चाचा राजेश्वर राम ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में हत्या का कारण चल और अचल संपत्ति का बंटवारा बताया गया था.