औरंगबाद/ Dinanath Mouar देश आजाद हुए सात दशक बीत गए लेकिन आज भी अंग्रेजी हुकूमत द्वारा बनाई गई छोटी पुलिया से ही लोग नदी पार करने पर विवश है. मामला औरंगाबाद से बालूगंज जाने वाली मुख्य सड़क का है. जहा देव प्रखंड के केश्वर विगहा गांव के पास रामरेखा नदी के ऊपर बनी पुल आज मौत का दावत दे रहा है.
जी है आपने ठीक सुना. इस पुल पर आजतक सौकड़ों दुर्घटना हो चुकी है, जिसमे दर्जनों लोगों की जान चली गई, लेकिन आज तक इस पुल की दशा और दिशा नही बदल सकी.
आज एक बार फिर एक ट्रक उसी पुलिया पर बुरी तरह से फंस गई. जिसके कारण कई घंटों तक यातायात ठप रहा. क्योंकि पुलिया की चैड़ाई महज 7 फिट ही है, जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया, जिसको लेकर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई और ग्रामीणों के घंटों प्रयास के बाद ट्रक को पुलिया से सुरक्षित निकाला जा सका, लेकिन ग्रामीणों ने इस घटना को लेकर बिहार सरकार तथा जिला प्रसासन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए रामरेखा नदी पर एक नये पुल का निर्माण करने की मांग की है, जिससे आवागमन में लोगों को सुविधा मिल सके तथा जानमाल भी सुरक्षित रह सके.
जब इस बिंदु पर ग्रामीणों से बता किया गया तो उन्होंने बताया कि केश्वर बिगहा पुल का यह कोई नई घटना नहीं है, इस तरह के सैकड़ों घटना यह हुई है. जिसमें दर्जनों लोग इस पुल से गिरकर अपना जान गंवा चुके हैं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस पुलिया को लेकर हम सब औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह एवं सदर विधायक को भी इस बिंदु पर ध्यान आकृष्ट कराया है, लेकिन आज तक किसी के द्वारा इसपर कोई पहल नहीं किया जा सका, जबकि यह सड़क जिला के लिये अति महत्वपूर्ण है क्योकि अतिनक्सल प्रभावित के मध्य भाग को यह सड़क जोड़ती है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने एक बार फिर जिला प्रसासन तथा बिहार सरकार से रामरेखा नदी पर नई पुलिया निर्माण करने का मांग किया है. अब यह देखना लाजमी होगा कि जिला प्रसासन तथा बिहार सरकार ग्रमीणों की आवाजों को कितना तहजीब दे पाती है यह आने वाला वक़्त ही बताएगा.